जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से पाबंदी लगाने के करीब तीन महीने बाद स्थानीय अंग्रेजी दैनिक कश्मीर रीडर आज फिर से बाजार में आ गया। सरकार ने इस अखबार पर यह आरोप लगाते हुए रोक लगा दी थी कि इसका प्रकाशन घाटी में शांति व्यवस्था के लिए खतरा है।
सभी के लिए एक कानून यानी समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग को 30 हजार से ज्यादा सुझाव मिले हैं। आयोग ने परामर्शपत्र जारी कर 16 सवालों पर जनता की राय मांगी थी जिसमें मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक और बहु विवाह भी शामिल था। विधि आयोग प्राप्त जवाबों को सारिणीबद्ध कर रहा जिसके बाद उनका अध्ययन और आगे की प्रक्रिया होगी।
सर आइजैक न्यूटन के मशहूर गति के तीन नियमों की व्याख्या समेत उनके मौलिक काम को खुद में समाहित करने वाली एक पुस्तक को 37 लाख डॉलर की बड़ी राशि में बेचा गया है। इसके साथ ही यह किसी नीलामी में बेची गई अब तक की सबसे महंगी मुद्रित वैज्ञानिक किताब बन गई है।
नोटबंदी के कारण श्रमिकों को समय पर वेतन नहीं मिल पाने के कारण ठाणे के वागले इंडस्ट्रियल एस्टेट स्थित एक कारखाने में कथित तौर पर विरोध करने और तोड़-फोड़ करने पर तीन श्रमिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मणिपुर में चंदेल जिले के दो अलग-अलग इलाकों में आज सड़क खोलने वाली मणिपुर पुलिस के कर्मियों की टीम (आरओपी) पर घात लगा कर किए गए आतंकी हमले में चार जवानों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन तलाक की प्रथा को क्रूर बताने के बाद महाराष्ट में भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुस्लिम महिलाओं के हित में शरिया कानून में बदलाव करने के लिए अपनी मंजूरी देने की मांग की।
तीन तलाक पर राजनीतिक घमासान के बीच इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुस्लिम समुदाय से सीधे संवाद में जुट गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से हलफनामा मांगे जाने के बाद से संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी लगातार मुस्लिम धर्म गुरुओं व बुद्धिजीवियों के संपर्क में हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस मुद्दे पर पहली बार धर्म गुरुओं और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात कर उनकी राय जानने की कोशिश की है।
तीन बार तलाक देने की प्रथा पर प्रहार करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि इस तरह से तुरंत तलाक देना नृशंस और सबसे ज्यादा अपमानजनक है जो भारत को एक राष्ट्र बनाने में बाधक और पीछे ढकेलने वाला है। न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा कि भारत में मुस्लिम कानून पैगम्बर या पवित्र कुरान की भावना के विपरीत है और यही भ्रांति पत्नी को तलाक देने के कानून का क्षरण करती है।