संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत से उस कानून को निरस्त करने का आह्वान किया है, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों को मिलने वाले विदेशी अनुदान को रोकने के प्रावधान हैं।
कुछ समय पहले दिल्ली उच्च न्यायालय की पार्किंग में काम करने वाले लड़के की आंतों में इन्फेक्शन हुआ। एक नामी अस्पताल में उसका इलाज चला। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने लड़के को प्रमाणपत्र दिया कि गरीब होने के कारण उसका नि:शुल्क इलाज किया जाए। कुछ समय तक लड़के का इलाज चला लेकिन पैसे न होने के चलते अस्पताल ने इलाज बीच में रोक दिया। लड़के की मौत हो गई। अस्पताल ने बिना फीस अदा किए शव देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के कुछ वकीलों ने अस्पताल के 5 लाख 70 हजार रुपये अदा किए और अस्पताल से शव लेकर उसके परिजनों के सुपुर्द किया। दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष, यूरोपियन यूनियन में प्रिंसीपल काउंसिल और भारत के पूर्व अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एडवोकेट अमरजीत सिंह चंदोक इस घटना का जिक्र करते हुए पूछते हैं, 'जब दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों के यह हाल है तो क्या देश के दूसरे कोने के हालात बताने की जरूरत है?
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव जब अलग राज्य की मांग कर रहे थे उस समय अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई और तत्कालीन संप्रग सरकार को अलग राज्य बनाने का फैसला करना पड़ा। यह दावा पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने अपनी नई किताब ओल्ड हिस्टी एंड न्यू ज्योग्राफी - बाइफरकेटिंग आंध्र प्रदेश में किया गया है।
अगर तेलंगाना सरकार को एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की ओर से अनुमति मिल गई तो गुरुवार को हैदराबाद के हुसैनसागर तालाब के पास संजीवया पार्क पर 303 फीट यानि 92.35 मीटर का राष्ट्रीय झंडा हमेशा लहराएगा। यह देश का सबसेे ऊंचा झंडा होगा।
नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (डीआर) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु की नवनियुक्त सरकार के 24 मंत्री करोड़पति हैं और आठ के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है। वहीं केरल में बनी नई वाम मोर्चा की सरकार में पांच मंत्री करोड़पति हैं और 17 के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं।
असम में भाजपा की नवनिर्वाचित सोनोवाल सरकार के एक मंत्री के ऊपर गंभीर आपराधिक मामला दर्ज होने का मामला सामने आया है। बुधवार को नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने चुनाव के दौरान मंत्रियों की ओर से दिए हलफनामे के अध्ययन के आधार पर यह जानकारी दी है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीते कुल 812 विधायकों में से 36 फीसदी विधायकों ने अपने शपथपत्र में अपने खिलाफ आपराधिक मामला चलने की बात स्वीकार की है। एसोसिएशन ऑफ डेमेाक्रेटिक रिसर्च तथा नेशनल इलेक्शन वाच के सहयोग से हुए सर्वे में इस तरह की जानकारी सामने आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों से सूखे और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्रियों के अलावा प्रमुख अधिकारियों के साथ मंत्रणा की।
लगभग दो साल पहले नवगठित राज्य तेलंगाना में जब विधानसभा चुनाव हो रहे थे तब राज्य की प्रमुख पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एक वादा किया था कि केजी टू पीजी तक की शिक्षा नि:शुल्क और अनिवार्य होगी। अब उस घोषणा पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने इस साल के शैक्षणिक सत्र से इसकी शुरुआत करने जा रही है।