पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती आज दोपहर को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा से मुलाकात सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी। पीडीपी नेता के साथ राज्य के भाजपा नेता भी होंगे।
उत्तराखंड में मचे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों ने खरीद-फरोख्त की कोशिश करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी की है। हालांकि बागी विधायकों और विपक्षी भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए रावत ने स्टिंग को झूठा करार दिया है।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार के बहुमत परीक्षण से पहले शनिवार की देर रात विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सभी 9 बागी कांग्रेस विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी है। इन विधायकों को दलबदल कानून के तहत अपना पक्ष रखने के लिए शनिवार शाम तक का समय दिया गया था मगर किसी ने अपना जवाब नहीं भेजा। विधायक सुबोध उनियाल जरूर वकीलों के साथ कुंजवाल से मिलने पहुंचे थे मगर वह भी थोड़ी ही देर में वहां से निकल गए थे।
उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को आज उस समय एक बडी राहत मिली जब नैनीताल स्थित उच्च न्यायालय ने सरकार के खिलाफ बागी हुए नौ कांग्रेस विधायकों की एक याचिका खारिज कर दी। बागी विधायकों ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष के उन्हें सदन की सदस्यता के अयोज्ञ घोषित करने के संबंध में जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।
लंबे अर्से से जारी गतिरोध खत्म होने का साथ ही जम्मू कश्मीर में सरकार गठन का रास्ता साफ हो गया है। पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती को आज सर्वसम्मति से पीडीपी विधायक दल ने अपना नेता चुन लिया। साथ ही पार्टी ने महबूबा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया।
उत्तराखंड विधानसभा में 28 मार्च को हरीश रावत सरकार द्वारा बहुमत साबित करने की चुनौती से पहले सत्ताधारी कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को सदन की सदस्यता से बेदखल किए जाने का कदम विवादों के घेरे में आ गया है।
लगता है आया-राम, गया-राम की सरकारों के दुर्भाग्य की छाया उत्तराखंण्ड पर भी पड़ गई है। राज्य विधानसभा के बजट सत्र में उत्तराखंड के नौ कांग्रेसी विधायक अचानक बागी होकर सदन के भीतर और बाहर भाजपा विधायकों के साथ मिलकर उत्तराखंड में वैकल्पिक सरकार बनाने का दावा करने लगे।
उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पर आए संकट को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में बयानबाजी तेज हो गई है। इस बीच अपने बचे विधायकों को किसी भी संभावित टूट से बचाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें अज्ञात स्थान पर भेज दिया है। वैसे कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उन्हें रामनगर भेजा गया है।
राजनीतिक संकट का सामना कर रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को आज उस समय बड़ी राहत मिली जब राज्यपाल कृष्णकांत पाल ने उन्हें 28 मार्च तक विधानसभा के पटल पर अपना बहुमत साबित करने को कहा।
उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल द्वारा हरीश रावत को बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का समय दिए जाने के बाद कांग्रेस सरकार पर पैदा हुए संकट का समाधान तलाशने में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जोर-शोर से जुट गया है। बताया जा रहा है कि पार्टी के असंतुष्ट नौ विधायकों का नेतृत्व कर रहे हरक सिंह रावत और विजय बहुगुणा को साधने की हर संभव कोशिश की जा रही है। सूत्रों के अनुसार बहुगुणा को मनाने की जिम्मेदारी उनकी बहन रीता बहुगुणा को सौंपी गई है।