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उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम से दुनिया में हड़कंप, यूएन की आपात बैठक

उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम से दुनिया में हड़कंप, यूएन की आपात बैठक

उत्तर कोरिया ने बुधवार को विश्व के शक्तिशाली देशों की चिंता बढ़ाते हुए अपने पहले हाइड्रोजन बम का सफलतापूर्वक परीक्षण करने का दावा किया है। उत्तर कोरिया के इस दावे के बाद अमेरिका और जापान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। माना जा रहा है कि अगर उत्तर कोरिया का दावा सही है तो यह उसके परमाणु विकास की दिशा में एक चौंकाने वाला कदम होगा। उत्तर कोरिया के इस कदम से चिंतित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई।
दक्षिण का औरंगजेब था टीपू: पांचजन्य

दक्षिण का औरंगजेब था टीपू: पांचजन्य

टीपू सुल्तान को लेकर विवाद थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। अब आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य में छपे एक लेख में टीपू सुल्तान को दक्षिण भारत का औरंगजेब बताया गया है।
आसियान सम्मेलनः मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने को कहा

आसियान सम्मेलनः मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने को कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए आसियान के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया, साथ ही क्षेत्रीय विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीके से करने की जरूरत को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 10 सदस्यीय समूह के साथ समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती निरोधक एवं मानवीय और प्राकृतिक आपदा राहत जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के लिए विशिष्ठ योजना बनाने का भी सुझाव दिया।
तमिलनाडु में भारी बारिश से जीवन अस्त व्यस्त, 55 लोगों की मौत

तमिलनाडु में भारी बारिश से जीवन अस्त व्यस्त, 55 लोगों की मौत

उत्तर-पूर्वी मॉनसून के प्रभाव के कारण तमिलनाडु के कई हिस्सों में शुक्रवार को भी बारिश जारी है। बारिश के कारण अब तक राज्य में 55 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार की रात से जारी भारी बारिश से शहरों, उपनगरों और ग्रामीण इलाकों में सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश की वजह से रेल और सड़क यातायात बाधित है।
अब टिस्का चलीं दक्षिण भारत

अब टिस्का चलीं दक्षिण भारत

टिस्का चोपड़ा नए अंदाज में दिखने के लिए तैयार हैं। तेलगू फिल्मों के सुपरस्टार राम चरण तेज के साथ उनकी एक नई फिल्म आने वाली है।
उग्र दक्षिण-वाम चुनौती के बीच झूलता नेपाली संविधान

उग्र दक्षिण-वाम चुनौती के बीच झूलता नेपाली संविधान

नेपाल में चार प्रमुख राजनैतिक दलों नेपाली कांग्रेस, नेपाल की कम्यु‌निस्ट पार्टी (एमाले), नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और मधेसी पीपुल्स राइट्स फोरम (डेमोक्रेटिक) के बीच 16 सूत्री समझौते पर सहमति के बाद शुरू हुई संविधान के प्रारूप की प्रक्रिया को दो विपरीत ध्रुवों का आक्रामक विरोध झेलना पड़ रहा है।
दक्षिण चीन सागर में ताकत दिखा रही है चीन की नौसेना

दक्षिण चीन सागर में ताकत दिखा रही है चीन की नौसेना

अमेरिका के साथ क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच चीनी नौसेना ने विवादित दक्षिण चीन सागर में 10 दिन का सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इस अभ्यास के महत्व को कम तवज्जो देते हुए चीनी सेना ने कहा है कि यह कल हेनान प्रांत में शुरू हुआ था और किसी पड़ोसी देश के खिलाफ निर्देशित नहीं है।
दक्षिण चीन सागर हमारा मगर हिंद महासागर तुम्हारा नहीं: चीन

दक्षिण चीन सागर हमारा मगर हिंद महासागर तुम्हारा नहीं: चीन

दक्षिण चीन सागर पर अपने सभी़ पड़ोसियों, वियतनाम, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के दावों को खारिज करने, समुद्र के इस हिस्से को अपनी मिल्कियत बताने और इन देशों को यहां से दूर रहने की चेतावनी जारी करने वाले चीन ने कहा है कि हिंद महासागर भारत का आंगन नहीं है। इसे भारत का बैकयार्ड समझने की धारणा परेशानी का सबब बन सकती है।
दक्षिण कोरिया से थाईलैँड पहुंचा घातक वायरस

दक्षिण कोरिया से थाईलैँड पहुंचा घातक वायरस

मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी मर्स का घातक वायरस अब दक्षिण कोरिया से थाईलैंड तक पहुंच गया है। थाइलैंड ने अपने देश में इस बीमारी के पहले मामले की पुष्टि की है। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य मंत्री ने दी है। इसके साथ ही पिछले साल अफ्रीका महाद्वीप और फिर अमेरिका और यूरोप में इबोला वायरस से त्रस्त रही दुनिया को अब एक नए खतरे से मुकाबले के लिए कमर कसनी पड़ेगी।
नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।
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