बच्चों को अपराध से रोकने के साथ-साथ उन पर होने वाले जुल्म से बचाने के लिए किशोर न्याय अधिनियम लागू हो गया है। इसके तहत बच्चों से मारपीट करने पर अभिभावक को भी सजा का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन हजार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इस संबंध में जारी शासनादेश में एक से ज्यादा शादियां करने वालों को आवेदन के लिए अयोग्य ठहराया गया है। सरकार के इस फैसले का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के शरई अधिकारों का हनन करार दिया है।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के लिए अब भारत और दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई तेज करना तथा अपने जीवनकाल में बाल दासता को समाप्त कर देना मिशन बन गया है।
उच्चतम न्यायालय से नियुक्त लोढ़ा समिति ने सोमवार को विवादों से घिरे बीसीसीआई के लिए आमूलचूल बदलावों की सिफारिश की जिनमें मंत्रियों को पद हासिल करने से रोकना, पदाधिकारियों के लिये उम्र और कार्यकाल की समयसीमा का निर्धारण और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देना भी शामिल है।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सूचना का अधिकार कानून के प्रचार-प्रसार पर सिर्फ 1.67 करोड़ रूपये खर्च किए जो पिछले वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत कम है। यह वर्ष 2008-09 के बाद आरटीआई के प्रचार पर खर्च हुई सबसे कम राशि है।
राजस्थान पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष और भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया नेेे अपने साथ भेदभाव से दुखी होकर धर्म परिवर्तन कर लिया और इस्लाम अपना लिया है। अपनी उपेक्षा से दुखी होकर उन्होंने वीआरएस लेने का भी फैसला किया है। 6 महीने बाद रिटायर हो जा रहे सालोदिया ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर चीफ सेक्रेटरी नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की।
संसद में हो रहे लगातार शोर-शराबे से आजिज आकर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने भावुक होकर कहा कि कांग्रेस देशहित में संसद चलने दे। वेकैंया ने कहा कि कांग्रेस सांसदों को नियम और कानून से कुछ लेना-देना नहीं है। संसद की कार्यवाही में अड़चन डालना उनकी आदत सी बन गई है।
पंजाब के अबोहर में दो गुटों के बीच हुए झगड़े के बाद एक गुट के दो लोगों के हाथ-पांव काट दिए गए। घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। समाचार है कि जिन दो लोगों के हाथ-पांव काटे गए हैं उनमें से एक की मौत हो गई है। दोनों पीड़ित वाल्मीकि समुदाय से हैं।
सऊदी अरब में पहली बार एक महिला ने नगर परिषद चुनाव में जीत हासिल कर इतिहास रच दिया। सलमा बिन हिजब अल ओतीबी ने मक्का में मदरका की नगर निगम परिषद का चुनाव जीत कर अत्यंत रूढ़िवादी सऊदी अरब की पहली निर्वाचित महिला प्रतिनिधि बनने का गौरव हासिल किया है। यह पहला मौका है जब सऊदी में महिलाओं को मतदान करने और चुनाव लड़ने का अधिकार मिला। मताधिकार मिलने से उत्साहित सऊदी की महिलाओं के लिए नतीजे भी बेहद उत्साहजनक आए हैं।
फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग के बाद अब गूगल गूगल प्रमुख सुंदर पिचई भी मुस्लिमों के समर्थन में उतर आए हैं। शनिवार को अपने एक ब्लॉग के जरिये उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका और विश्व में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना चाहिए।