फिल्म निर्माता तिग्मांशु धूलिया क्रिकेट के बाहर अनजान और साहसी संघर्ष के लिए पहचाने गए एक दलित गेंदबाज बालू पालवणकर के जीवन पर फिल्म बनाने वाले हैं। यह फिल्म बाएं हाथ के स्पिनर बालू पालवणकर की कहानी बयां करेगी, जिन्होंने वर्ष 1900 की शुरुआत में हिंदू जिमखाना क्लब के लिए खेला था। बालू दलित समुदाय के पहले सदस्य थे जिन्होंने इस खेल पर अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़ी। अपने समय के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर होने के बाद भी बालू को दलित होने के कारण कभी टीम का कप्तान नहीं बनाया गया।
चौतरफा दबाव के बाद आखिरकार छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ने तीन छात्रों के निष्कासन का आदेश वापस ले लिया है। शुक्रवार देर रात विश्वविद्यालय प्रबंधन ने लगातार विरोध के चलते फ़ीस बढ़ोत्तरी के अपने आदेश को भी संशोधित किया है। हालांकि इसकी जानकारी सोमवार तक जारी की जाएगी।
पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी कावेश कुमार ने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) में दाखिला न मिलने के कारण एक पत्र के जरिये मीडिया से मदद की गुहार लगाई है। कावेश कुमार के भाई विकेश कुमार ने बताया कि वह अपने पत्र के जरिये अपनी परेशानियों को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि वह उनकी मदद कर सकें।
एक ओर जहां राज्य के किसानों की कर्ज माफी की मांग की जा रही है, वहीं महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में कर्ज तले दबे एक किसान ने परेशान होकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का पीछा करने वाले डीयू के चारो छात्रों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। दो आरोपी छात्रों ने मीडिया के सामने आते हुए माफी भी मांगी है। छात्रों ने गलती स्वीकारते हुए कहा कि सोशल मीडिया के लिए फनी वीडियो बनाने के चक्कर में उनसे गलती हुई है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के नशे में धुत चार छात्रों ने लुटियन की दिल्ली में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की कार का कथित तौर पर पीछा किया जिसके बाद छात्रों को हिरासत में ले लिया गया।
मोदी सरकार ने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर, ज्योति बा फुले, संत रविदास, कबीरदास जैसे महापुरूषों पर आधारित कार्यक्रमों के जरिये दलितों सहित समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंच बनाने की पहल करते हुए ऐसे महापुरूषों से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन करने वाली संस्थाओं को आर्थिक मदद देने का निर्णय किया गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने युवाओं से मुठभेड़ स्थलों पर नहीं आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि घाटी में शांति के विरोधी तत्व अपने लघुकालीन राजनीतिक हितों को साधने के लिए उन्हें गुमराह कर रहे हैं और उनका दुरुपयोग कर रहे हैं। वैद ने कहा कि गोली नहीं जानती कि वह किसे लगेगी। मेरी युवकों से अपील है कि उन्हें अपने घरों में रहना चाहिए और मुठभेड़ स्थलों पर नहीं जाना चाहिए।