Advertisement

Search Result : "दलित छात्र आत्महत्या"

गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी आंदोलन के एक जाने-माने चेहरा हैं। हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, बांग्ला भाषा में मजबूत पकड़ रखने के साथ एक-दो और भाषाओं के ज्ञाता है 62 वर्षीय येचुरी। मिलनसार स्वभाव वाले इस मृदुभाषी वाम नेता के कंधों पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की गहरे संकट में फंसी नाव को निकालने की जिम्मेदारी है।
खुदकुशी की जांच पर दिल्‍ली सरकार और पुलिस में ठनी

खुदकुशी की जांच पर दिल्‍ली सरकार और पुलिस में ठनी

गजेंद्र की मौत की जांच सियासी दांव-पेच में उलझती जा रही है। दिल्‍ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उधर, दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हादसे की मजिस्‍ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। जिससे केंद्र और राज्‍य सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। दिल्‍ली पुलिस ने हादसे की जांच के जिला मजिस्‍ट्रेट के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। दूसरी तरफ पलटवार करते हुए नई दिल्‍ली के डीएम संजय सिंह ने पुलिस को सुबह 11 बजे तक मामले से जुड़े सभी दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर पुलिस के ख्‍ािलाफ ही कार्रवाई की जाएगी।
किसान आत्महत्या के मुद्दे पर संसद में हंगामा

किसान आत्महत्या के मुद्दे पर संसद में हंगामा

किसान की खुदकुशी सहित देश में किसानों की आत्महत्या को लेकर संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। जिसके कारण दोनों सदनों को कुछ देर के लिए स्‍थगित करना पड़ा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुछ सदस्यों की ओर से प्रश्नकाल स्थगित करने के लिए दिये गये नोटिस को अस्वीकार करते हुए 12 बजे इस विषय पर चर्चा कराने और फिर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बात रखने की व्यवस्था दी।
गजेंद्र को अंतिम विदाई देने उमड़ी भीड़

गजेंद्र को अंतिम विदाई देने उमड़ी भीड़

बुधवार को दिल्ली मेंं आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान फंदा लगाकर खुदकशी करने वालेे नांगल झामरवाडा के किसान गजेंद्र सिंह कल्याणवत (42) की आज यहां अंत्येष्टि कर दी गई।
गजेंद्र सिंहः राजनीति और साफा कारोबार से आत्महत्या तक

गजेंद्र सिंहः राजनीति और साफा कारोबार से आत्महत्या तक

जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह कल्याणवत की खुदकुशी ने संसद से लेकर देश भर में बहस छेड़ दी है। गजेंद्र राजस्थान के दौसा जिले के एक गांव के रहने वाले थे। उन्हें किसान बताया तो जा रहा है लेकिन वह सिर्फ किसान नहीं थे बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से सक्रिय और जागरुक नागरिक भी थे। इस वर्ष उनकी सारी फसल बरबाद हो गई थी जिस वजह से वह आहत थे।
गजेंद्र की खुदकुशी पर सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

गजेंद्र की खुदकुशी पर सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

देश की संसद से महज चंद किलोमीटर दूर जंतर-मंतर पर राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तंगहाली और गरीबी से तंग गजेंद्र की मौत का तमाशा देखते रहे सभी। हजारों की तादाद में वहां लोग और पुलिसक्रमी मौजूद थे। सभी ने गजेंद्र को पेड़ पर चढ़ते हुए देखा और आत्महत्या की तैयारी करते हुए भी। देखते ही देखते गजेंद्र फंदे से झूल गया और चंद सेकेंड में उसके प्राण पखेरू उड़ गए। उस वक्त आप के तमाम बड़े नेता मंच पर मौजूद थे लेकिन भाषणबाजी का सिलसिला जारी रहा। सोशल मीडिया पर इस शर्मनाक घटना को लेकर जहां नेता, किसानों की बरबाद फसलों और मौतों पर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं वहीं आम इंसान गजेंद्र की आत्महत्या से बेहद गुस्से में है।
पिपली लाइवः दिल्ली में किसान की जान के मायने

पिपली लाइवः दिल्ली में किसान की जान के मायने

शर्म इनको नहीं आती। एक किसान ने अपनी जान दी। उसने किस गहरे नैराश्य में डूबकर अपनी जिंदगी को फांसी लगाई, इस पर चर्चा करने के बजाय बाकी सारे पहलुओं पर बात पूरी बेहयायी के साथ बैटिंग चल रही है। किसान अपनी जेब में अपनी व्यथा की जो छोटी सी पुर्जी लेकर चल रहा था, वैसी ही पुर्जी लाखों किसानों ने आत्महत्या करने से पहले अपने दिलों में लिखी होगी।
वसुंधरा के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था मृतक किसान

वसुंधरा के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था मृतक किसान

जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में आत्महत्या करने वाला किसान गजेंद्र सिंह राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था। गोंडा से आए किसान दिग्गज सिंह और उनके साथियों के अनुसार वह बोल रहा था ‘ वसुंधरा राजे मुर्दाबाद’ ।
आप रैली में किसान आत्महत्या

आप रैली में किसान आत्महत्या

आज जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में आत्महत्या करने वाला व्यक्ति राजस्थान के दौसा जिले का रहने वाला किसान गजेंद्र सिंह था। मौजूद लोगों के अनुसार उसकी उम्र लगभग 50 वर्ष थी।
पिछड़े वर्ग के कई नेता आरक्षण के समर्थक नही

पिछड़े वर्ग के कई नेता आरक्षण के समर्थक नही

उतर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके अशोक यादव पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के प्रबल समर्थक हैं। उत्तर प्रदेश में जब राजनाथ सिंह मुख्य‍मंत्री थे तब पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण में छेड़छाड़ का प्रयास किया था। यादव ने इसके विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तबसे आज तक यादव पिछड़े वर्ग के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं। यादव कहते हैं कि अगर पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण में फिर छेड़छाड़ हुई तो पूरे देश में आंदोलन होगा। पेश हैं प्रमुख अंश-
Advertisement
Advertisement
Advertisement