छुआछूत उन्मूलन के सारे सरकारी वादे खोखले हो जाते हैं जब खबर आती है कि किसी मंदिर में दलितों को जाने से रोका गया। हिमाचल प्रदेश के जोगिंद्रनगर जिले के गांव घटासणी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां दलितों को जालपा मंदिर में प्रवेश से न केवल रोका गया बल्कि फतवे के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले दलितों को धमकाया भी जा रहा है। हालांकि इस घटना को दबाने के लिए प्रशासन और पुलिस ने ठीक से लीपापोती कर दी है।
स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि दिल्ली महिला आयोग में उनके दफ्तर पर ताला लगा दिया गया और उनकी नेम प्लेट हटा दी है। लेकिन उन्होंने अभी हार नहीं मानी और वह उपराज्यपाल से मिलने की कोशिश में जुटी हुई हैं। इस बीच, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि स्वाति मालीवाल की नियुक्ति की फाइल अब एलजी के पास भेजी जाएगी।
अपनी एक महिला सहकर्मी के यौन शोषण के आरोपों में घिरे आर.के. पचौरी द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के महानिदेशक पद से हटा दिया गया है। टेरी की संचालन परिषद ने गुरुवार को पचौरी को हटाने का फैसला लिया। पचौरी की जगह अजय माथुर को टेरी का नया प्रमुख बनाया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को उप राज्यपाल नजीब जंग द्वारा दिल्ली में सरकार का मतलब उप राज्यपाल बताए जाने पर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह के बयान का नतीजा तानाशाही होगा तथा जंग का रुख इस लोकतांत्रिक देश में ना सिर्फ असंवैधानिक बल्कि हास्यास्पद है।
आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल की नियुक्ति लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग ने रद्द कर दी। सरकार की ओर से बरखा शुक्ला की जगह मालिवाल की नियुक्त की गई थी। मालिवाल आम आदमी पार्टी हरियाणा के नेता नवीन जयहिंद की पत्नी और आरटीआई कार्यकर्ता भी हैं। नवीन जयहिंद मुख्यमंत्री के करीबी लोगों में से एक हैं। इस नियुक्ति के रद्द होने की खबर के साथ ही टि्वटर पर #SwatiMaliwal हैशटैग ट्रैंड करने लगा। लबोलुआब यह रहा कि ‘दिल्ली वालों को यह जान लेना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सिर्फ मुख्यमंत्री हैं लेकिन असल मुख्यमंत्री लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग ही हैं।‘
दो दिन पहले ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बनी स्वाति मालीवाल की नियुक्ति पर उपराज्यपाल नजीब जंग ने आपत्ति जताई है। जंग का दावा है कि उनसे राय लिए बिना दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति का अधिकार मुख्यमंत्री को नहीं है।
यूपी के बदायूं में एक सपा नेता के बेटे के खिलाफ दो साथियों के साथ मिलकर दलित किशोरी से सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। मेडिकल जांच में लड़की के साथ रेप होने की पुष्टि हुई है।