भाजपा के लोकसभा सांसद और देश के जाने-माने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने दिल्ली क्षेत्र के कंपनी रजिस्ट्रार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के नाम पर कंपनी रजिस्ट्रार एवं उनकी टीम ने लीपापोती की है।
आज देश भर के दवा दुकानदार हड़ताल पर हैं। दवाआें की गैरकानूनी तरीके से आॅनलाइन बिक्री के विरोध में आॅल इंडिया आर्गेनाइजेशन आॅफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) ने हड़ताल का आवाह्न किया है।
अपनी ही बेटी शीना वोरा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार इंद्राणी मुखर्जी की बीमारी के बारे में जेल प्रशासन ने नया दावा किया है। मुंबई के जेल आईजी ने दावा किया है कि इंद्राणी मुखर्जी दवा की अधिक मात्रा या किसी जहर के कारण बेहोश नहीं हुई थी बल्कि वह अत्यधिक कमजोरी के कारण गिर गई थीं। उन्होंने कहा कि इंद्राणी ने पिछले कुछ समय से दवा लेना बंद कर दिया था और इस तरह से बेहोश होने का उनका पुराना इतिहास रहा है।
दादरी हत्या मामले की पृष्ठभूमि में गोमांस सेवन के खिलाफ एक कठोर अभियान चलाने वाले तेजतर्रार भाजपा नेता संगीत सोम के बारे में यह बात सामने आई है कि वह खुद हलाल मांस के कारोबार से जुड़ी एक प्रमुख कंपनी के बोर्ड में निदेशक के तौर पर मांस व्यापार से जुड़े हुए थे।
अमेरिकी दवा कंपनी मर्क शार्प एंड डोम यानी एमएसडी को राहत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स को डायबिटीज रोधी दवा जीटा और जीटा-मेट के विनिर्माण और बिक्री पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि इसने अमेरिकी कंपनी के पेटेंट का उल्लंघन किया है।
लंबे इंतजार के बाद अमेरिका में महिलाओं की यौन इच्छा को बढ़ाने वाली दवा को नियामक संस्था से मंजूरी मिल गई है। इस 'महिला वियाग्रा' को लैंगिक आजादी की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
यह 21वीं सदी का नमक सत्याग्रह है जिस पर महात्मा गांधी को भी गर्व होता। भारत ने आयोडिन युक्त नमक उत्पादन को लेकर एक दिग्गज बहुराष्ट्रीय कंपनी के खिलाफ पेटेंट की लड़ाई जीत ली है। नमक को लेकर यह लड़ाई भावनगर की एक सरकारी प्रयोगशाला ने जीती और दैनिक उपभोग के आयोडिन युक्त नमक बनाने के पेटेंट का नियंत्रण बहाल कर लिया। इस लड़ाई में बहुराष्ट्रीय कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) को मात मिली।