जन्माष्टमी के अवसर पर मुंबई एवं आसपास के इलाकों में दही हांडी समारोह के दौरान मानव पिरामिड बनाने के दौरान हुई दुर्घटना में दो ‘गोविंदाओं’ की मौत हो गई जबकि 117 ‘गोविंदा’ घायल हो गए।
मकर संक्रांति के मौके पर राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद के यहां चूड़ा दही के भोज का आयोजन किया गया। जिसमें पहली बार लालू की तरफ से भाजपा के नेताओं को भी न्योता भेजा गया था। हालांकि भाजपा ने इस न्योते को ठुकरा दिया और पार्टी का कोई भी नेता लालू के इस भोज में शामिल नहीं हुआ। लालू प्रसाद के इस आमंत्रण पर जदयू ने सवाल उठाए हैं।
दही हांडी उत्सव के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना के आधार पर मुंबई पुलिस ने कुछ उत्सव मंडलियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली। लेकिन क्या इसे आदेश की अवमानना और भारतीय कानूनों के तहत अपराध के रूप में लिया जाएगा?
जन्माष्टमी के मौके पर मुंबई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई गईं। दही हांडी के लिए 20 फिट से ऊंचे मानव पिरामिड पर कोर्ट ने रोक लगाई थी पर अधिकांश जगह इससे ज्यादा ऊंचाई पर हांडी लटकार्इ गई। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया। उनकी पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तो 42 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी लटकाई गई।
उच्चतम न्यायालय ने आज दही हांडी से संबंधित एक याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। इस याचिका में शीर्ष अदालत द्वारा तय की गई मानव पिरामिड की 20 फुट उंचाई में ढील देने का अनुरोध किया गया है। महाराष्ट में जन्माष्टमी के दिन दही हांडी उत्सव के दौरान मानव पिरामिड बनाए जाते हैं।
उच्च्तम न्यायालय द्वारा महाराष्ट्र में दही-हांडी उत्सव पर प्रतिंबध लगाए जाने पर शिव सेना ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए शनिवार को कहा कि आस्थाओं पर अदालतों को लक्ष्मण रेखा नहीं पार करनी चाहिए।