संघ की मुस्लिमों के बीच काम करने वाली शाखा-मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेता इंद्रेश कुमार ने मुस्लिमों से अपील की है कि वे गोश्त खाना छोड़ दें क्योंकि यह बीमारियों का घर है।
राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा के मोर और मोरनी वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर मजाक बनाया जा रहा है। जज ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के पक्ष में तर्क देते हुए कहा था कि मोर आजीवन ब्रह्मचारी रहा है।
गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने के बयान से चर्चा में आए राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा ने अब कहा कि मोर को इसलिए राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया, क्योंकि वह ब्रह्मचारी होता है। बिना मैथुन क्रिया के ही मोर आपने आंसुओं से मोरनी को गर्भवती कर देता है।
मेरा बेटा 26 दुश्मनों को मारने के बाद शहीद हुआ था। जब यह घटना घटी उस वक्त केंद्र में सरकार भाजपा की थी। उस दौरान हमसे कई तरह के वादे किए गए थे जो पूरे नहीं हुए और आज जब मेरी पोती गुरमेहर को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है तब भी सरकार भाजपा की है। यह दर्द है रामजस विवाद में चर्चा आई गुरमेहर कौर के दादा कंवलजीत सिंह का।
जर्मनी के एक इतिहासकार ने दावा किया है कि सन् 1900 की शुरूआत में अनिवार्य सैन्य सेवा करने में नाकाम रहने पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दादा को जर्मनी से बाहर निकाल दिया गया था।
गुजरात के दलित समुदाय के 200 से अधिक लोगों ने विजयादशमी के मौके पर बौद्ध संगठनों द्वारा आयोजित तीन अलग-अलग कार्यक्रमों में बौद्ध धर्म अपनाया। वहीं राज्य के 90 अन्य लोगों ने नागपुर में धर्मांतरण किया और इस तरह कुल 300 से अधिक दलितों ने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया।
अपने दादा-दादी का नाम लेकर मैदान में उतरने वाली साक्षी मलिक का पैतृक गांव मोखरा जश्न में डूबा है। शहर के सेक्टर-3 स्थित मकान नंबर 45 में माहौल ऐसा, मानो कि मेला लगा हो। आधी रात से शुरू पटाखों का धूम-धड़ाका अभी तक थम नहीं रहा, वहीं बैंड-बाजे, हरियाणवी गीतों पर नाच-गाना भी जमकर हो रहा है। पिता सुखबीर मलिक और मां सुदेश मलिक तो खुशी के मारे ‘बावले’ से घूम रहे हैं। आंखों में खुशी के आंसू लिए कहते हैं, ‘बेटी ने छाती चौड़ी कर दी, बता दिया बेटियां किसी से कम नहीं।’
महामहिम राज्यपाल वर्तमान से भूतपूर्व हो जाने पर भी अपने पराए उन्हें ‘लाट साहब’ के रूप में पुकारते हैं। सरकारी नौकरी में जीवन पर्यंत बड़े बाबू से बड़े साहब-सचिव-मुख्य सचिव बन जाएं, लेकिन जोड़-तोड़ में माहिर होने पर रिटायर होने के बाद लाट साहब, नेताजी, मंत्रीजी भी बन जाते हैं।