Advertisement

Search Result : "दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष"

पढ़ाई के लिए ब्रिटेन जाना प्रतिभा पलायन नहीं: ब्रिटिश मंत्री

पढ़ाई के लिए ब्रिटेन जाना प्रतिभा पलायन नहीं: ब्रिटिश मंत्री

यूरोप जहां प्रवासियों के मुद्दे से जूझ रहा है वहीं ब्रिटेन के विज्ञान एवं विश्वविद्यालय मंत्री जो जॉन्सन ने ब्रिटेन में अध्ययन और कार्य करने के लिए भारतीयों का स्वागत किया है। शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के लिए वर्ष 2016 को ब्रिटेन-भारत वर्ष घोषित करने के उद्देश्य से भारत यात्रा पर आए ब्रिटिश मंत्री जॉन्सन ने पल्लव बाग्ला को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि शिक्षा के लिए ब्रिटेन जाना ब्रेन गेन (प्रतिभा विकास) है न कि ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन)।
10 साल पुराने वाहनों के लिए जल्द नीति लाएगी सरकार

10 साल पुराने वाहनों के लिए जल्द नीति लाएगी सरकार

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि सरकार 10 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों द्वारा होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए जल्द ही एक समन्वित नीति तैयार करेगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि 15 साल से अधिक पुराने ट्रकों और बसों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की अभी कोई योजना नहीं है।
भोपाल गैस त्रासदी के 31 वर्ष

भोपाल गैस त्रासदी के 31 वर्ष

2 दिसंबर 1984 को एक भयानक औद्योगिक दुर्घटना हुई जिसे भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। यूनियन कार्बाइड कंपनी के कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगो की जान गई और अनगिनत लोग शारीरिक अपंगता का शिकार हुए।
पृथ्वी पर 4.1 अरब वर्ष पहले हुई थी जीवन की शुरुआत

पृथ्वी पर 4.1 अरब वर्ष पहले हुई थी जीवन की शुरुआत

पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत 30 करोड़ वर्ष पहले नहीं बल्कि कम-से-कम 4.1 अरब वर्ष पहले हुई थी। पूर्व के दस्तावेजों के अनुसार, हमारे ग्रह पर 30 करोड़ वर्ष पहले जीवन की शुरुआत होने की बात कही गई थी लेकिन नये अनुसंधान में नए तथ्य सामने आए हैं।
नेपाल में नए संविधान को लेकर हो रहे बवाल से भारत भी असंतुष्ट

नेपाल में नए संविधान को लेकर हो रहे बवाल से भारत भी असंतुष्ट

भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत-नेपाल के रिश्तों में जो तल्खी आई है उसे एक बुरे सपने की तरह भूल जाना चाहिए। उपाध्याय के मुताबिक दोनों देशों के बीच जिस प्रकार के करीबी रिश्ते हैं उसकी तुलना किसी भी दूसरे देश के साथ नहीं की जा सकती। लेकिन इसके उलट नेपाल में नए संविधान का विरोध कर रहे सोशल रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष रामबाबू राय कहते हैं कि रिश्ते खराब करने की शुरूआत किसने की है, इस ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

लेखक परिचय: 8 अगस्त 1915 में रावलपिंडी में जन्म। आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में एक। सन 1937 में लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने सन 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। विभाजन के बाद भारत आकर समाचार पत्रों में लिखा और भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से भी जुड़े। अंबाला और अमृतसर में अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में भी साहित्य के प्रोफेसर रहे। भाग्य-रेखा, पहला पाठ, भटकती राख, पटरियां, वाङचू, शोभायात्रा, निशाचर, पाली नाम से कहानी संग्रह के साथ झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मय्यादास की माड़ी, कुंतो, नीलू नीलिमा नीलोफर उपन्यास बहुत चर्चित रहे। इस साल उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सन 1975 में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और इसी वर्ष शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार) मिला। सन 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और 1998 में पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया।
हिरोशिमा पर परमाणु हमले के 70 वर्ष

हिरोशिमा पर परमाणु हमले के 70 वर्ष

जापान पर परमाणु बम हमले के 70 वर्ष पूरे होने पर स्मृति समारोह आयोजित किया गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है है कि वाशिंगटन के एक वरिष्ठतम अधिकारी समारोह में शिरकत कर रहे हैं।
कविता - सुशील उपाध्याय

कविता - सुशील उपाध्याय

उपाध्याय उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्याल में प्राध्यापक हैं। अध्यापन से पहले वह प्रखर पत्रकार रह चुके हैं। अमर उजाला और हिंदुस्तान अखबार में काम करते हुए उन्होंने रिपोर्टिंग के क्षेत्र में जो भी विविधताएं महसूस कीं उन्हें बाद में कविता में ढाला। उनकी खबरों की समझ और कविता की संवेदना मिल कर जो काव्य पैदा करती है, वह कविता को नई भाषा देती है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement