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डीडीसीए दूध का धुला है तो बीसीसीआई और हाईकोर्ट ने क्यों रोका: बेदी

डीडीसीए दूध का धुला है तो बीसीसीआई और हाईकोर्ट ने क्यों रोका: बेदी

पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने शुक्रवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस खेल संस्था में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिये अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक फरमान जारी किया कि मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ बच्चों को दूध दिया जाए ताकि कुपोषण दूर कर सेहतमंद बनाया जा सके। लेकिन हफ्ते में एक दिन दूध देने से क्या कुपोषण की समस्या दूर हो पाएगी इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि हफ्ते में एक दिन दूध वह भी कई स्कूलों में नहीं मिल रहा है तो कई जगह खराब मिल रहा है।
अमूल का दूध दो रुपये महंगा

अमूल का दूध दो रुपये महंगा

अमूल ने गुजरात से दूध के दाम दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की शुरुआत कर दी है। अमूल की तर्ज पर अन्‍य डेयरी कंपनियां भी दूध महंगा कर सकती हैं। इस तरह एक जून सर्विस टैक्‍स भी 12.36 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो जाएगा। इस तरह आम आदमी की जेब पर महंगाई की मार पड़नी तय है।
मैंगो पाईनेप्पल स्मूदी

मैंगो पाईनेप्पल स्मूदी

स्मूदी का मतलब होता है चिकना, ताजे फलों और दही या फिर क्रीम/ वनीला आइस्क्रीम के साथ बनाया जाने वाला यह पेय बड़ा स्वादिष्ट होता है।
होली की मस्ती और ठंडई

होली की मस्ती और ठंडई

होली का त्योहार हो और ठंडाई न पी जाए तो क्या मजा। भांग की ठंडाई पीने का मजा केवल होली में ही है। इसके बिना तो होली बुरा मान जाएगी! है न। भांग की ठंडाई पी कर ढोलक की थाप पर नाचने का मजा ही कुछ और है। अगर मन भांग की ठंडाई मिल जाए तो साल भर इस तृप्ति का अहसास रहता है। अगर आपको होली की ठंडाई बनाने की विधि नहीं आती तो परेशान होने की बात नहीं है। यह लीजिए पेश है भांग की ठंडाई खास आपकी इच्छा की मांग पर।
रंग-गुलाल के बाद त्वचा की देखभाल

रंग-गुलाल के बाद त्वचा की देखभाल

पूरे साल भर आप जिस त्वचा को संभाल कर रखते हैं, होली के दिन उसे थोड़ा-बहुत नुकसान तो हो ही जाता है। कितना भी प्राकृतिक रंगों बात की जाए लेकिन उनमें केमिकल होना तय है।
होली का त्योहार और गुझिया

होली का त्योहार और गुझिया

होली का त्योहार आते ही फागुनी मस्ती में मिठास घुल जाती है। इस मिठास का स्वाद और बढ़ जाता है जब इसमें गुझिया की खुशबू और रंगत भी शामिल हो जाते हैं। होली के पर्व पर यह खास पकवान घर-घर बनाया जाता है।
बच्चे को दूध नहीं पिलाने पर कार्रवाई

बच्चे को दूध नहीं पिलाने पर कार्रवाई

कामकाजी महिलाओं में सबसे खराब स्थितियां मजदूर वर्ग की महिलाओं की हैं। उनके लिए न तो क्रेच व्यवस्था है और न वे मजदूरी के समय से समय निकाल अपने नवजात बच्चों को दूध पिला सकती हैं। कुपोषण के शिकार इनके बच्चों का सही विकास तक नहीं हो पाता है। बच्चे को दूध न पिला सकने का ऐसा ही एक मामला तेलंगाना में सामने आया है जिसमें ऐसा होने पर बच्चे की मौत हो गई है।
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