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जिम्‍बाब्‍वे को 62 रनों से हरा सीरीज पर भारत का कब्‍जा

जिम्‍बाब्‍वे को 62 रनों से हरा सीरीज पर भारत का कब्‍जा

अनुभवी खिलाड़‍ियों के बगैर उतरी भारतीय क्रिकेट टीम ने जिम्‍बाब्‍वे को दूसरे वनडे मैच में 62 रनों से हरा दिया है। 33 गेंदों में 4 विकेट लेने वाले भुवनेश्‍वर कुमार मैच के हीरो रहे हालांकि मुरली विजय को उनकी 72 रनों की पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
5 जुलाई से बदल जाएगा वनडे क्रिकेट, बैटिंग पावरप्‍ले खत्‍म

5 जुलाई से बदल जाएगा वनडे क्रिकेट, बैटिंग पावरप्‍ले खत्‍म

गेंद और बल्‍ले के बीच संतुलन बनाने के लिए आगामी 5 जुलाई से वनडे क्रिकेट के नियमों में फेरबदल होने जा रहा है। अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ की सालाना बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिससे गेंदबाजों को राहत मिलेगी जबकि बैटिंग पावरप्‍ले खत्‍म हो जाएगा। बारबडोस में एन श्रीनिवासन की अध्यक्षता में हुई बैठक में आईसीसी चीफ ऐग्जिक्युटिव कमिटी की ओर से मंजूर किए गए इन प्रस्तावों को आईसीसी बोर्ड ने भी मंजूर कर लिया है। जानिए, वनडे क्रिकेट कैसे बदलने जा रहा है
वनडे रैंकिंग में भारत दूसरे स्‍थान पर

वनडे रैंकिंग में भारत दूसरे स्‍थान पर

भारतीय टीम ने हाल में समाप्त हुए आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचकर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अपना दूसरा स्थान बरकरार रखा है।
साइना ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के दूसरे दौर में

साइना ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के दूसरे दौर में

भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल और तेजी से उभरते एच.एस. प्रणय ने क्रमश: महिला और पुरुष वर्ग में जीत दर्ज करके आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के दूसरे दौर में प्रवेश किया।
सत्ता के ऊपर ज्ञान, व्यक्तियों के ऊपर विवेक

सत्ता के ऊपर ज्ञान, व्यक्तियों के ऊपर विवेक

चुनिंदा नायकों या खलनायकों की भूमिका पर जरूरत से ज्यादा जोर देने के कारण इतिहास का सम्यक विवेचन नहीं हो पाता। जैसे गांधी, नेहरू, पटेल, जिन्ना और माउंटबेटन पर ज्यादा जोर देने से हमें भारत विभाजन के बारे में कई जरूरी प्रश्‍नों के उत्तर नहीं मिलते। मसलन, देसी मुहावरे में आम जनता को अपनी बात समझाने में माहिर और उनमें आजादी के लिए माद्दा जगाने वाले गांधी अपने तमाम सद्प्रयासों के बावजूद नाजुक ऐतिहासिक मौके पर आम हिंदू-मुसलमान को एक-दूसरे के प्रति सांप्रदायिक दरार से बचने की बात समझाने में क्यों विफल रहे, नोआखली जैसी अपनी साक्षात उपस्थिति वाली जगह को छोडक़र? जिन्ना की महत्वकांक्षा और जिद को कितना भी दोष दें, कलकत्ता और अन्य जगहों का आम मुसलमान क्यों उनके उकसावे पर पाकिस्तान हासिल करने के लिए खून-खराबे पर उतारू हो गया?
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