दुकानों से पटी वह एक भीड़-भरी तंग गली थी जिस पर एक दूसरे से हिल-मिल कर बने हुए मकानों की कतारों में किसी एक घर की एकमात्र खिड़की/बालकनी/बरामदे पर चाइनीज एलइडी से लिखे गए 56 इंच के बड़े-बड़े अक्षरों में “देश-भक्त ही देशभक्त” का साइन बोर्ड लिबडिब-लिबडिब करके जल बुझ रहा था।
‘पाकिस्तान नरक नहीं है’ और ‘वहां के लोग भी हमारी ही तरह हैं’ जैसी टिप्पणी करने पर अभिनेत्री से नेता बनी राम्या विवादों में फंस गई हैं। कर्नाटक की एक अदालत में अर्जी देकर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि राम्या की टिप्पणी से भारतीय देशभक्तों का अपमान हुआ है। हालांकि राम्या ने कहा है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है इसलिए वह कतई माफी नहीं मांगेगीं।
राष्ट्रवाद महज झंडा फहराने, नारे लगाने या भारत माता की जय नहीं बोलने वालों को दंडित करने से साबित नहीं किया जा सकता बल्कि देश की जरूरतों को पूरा करने की बड़ी प्रतिबद्धता ही राष्ट्रवाद है।