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Search Result : "देशविरोधी नारे"

अयोध्या पहुंचे मुसलमानों ने लगाए जय श्रीराम के नारे, कहा जल्दी बनवाएं राम मंदिर

अयोध्या पहुंचे मुसलमानों ने लगाए जय श्रीराम के नारे, कहा जल्दी बनवाएं राम मंदिर

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के करीब 50 समर्थक आजम खान राष्ट्रवादी की अगुवाई में अचानक अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए और जल्द से जल्द राम मंदिर बनवाने की अपील की। मुसलिम समाज के विभिन्न क्षेत्रों से लोग गुरुवार शाम को अयोध्या पहुंचे और जुलूस की तरह सड़क पर ‘मुसलमानों हक और ईमान के साथ आओ, श्रीराम मंदिर का निर्माण कराओ’ के नारे लगाने लगे।
कमलनाथ बोले, मोदी सरकार कलाकारी और नारे की राजनीति कर रही

कमलनाथ बोले, मोदी सरकार कलाकारी और नारे की राजनीति कर रही

मध्‍य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ ने एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम देश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने मोदी के स्किल इंडिया प्रोग्राम की खिल्ली उड़ाते हुए कहा आज मोदी जिस स्किल इंडिया की बात कर रहे हैं वो हम 10 साल पहले कर चुके हैं।
गुजरात में केजरीवाल का विरोध, पाकिस्तान जाओ के नारे लगे

गुजरात में केजरीवाल का विरोध, पाकिस्तान जाओ के नारे लगे

दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सूरत में सभा से ठीक पहले विरोध में जमकर नारेबाजी हुई और काले झंडे दिखाए गए। सभा में केजरीवाल पाकिस्तान जाओ का नारा भी लगा। उड़ी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक पर केजरीवाल के सवाल से कार्यकर्ता नाराज थे। खास बात यह है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल का एक पूर्व सहयोगी विरोध प्रदर्शन को लीड कर रहा था।
पीओके-बलूचिस्तान के बाद अब पाक के सिंध प्रांत में ‘आजादी’ के नारे लगे

पीओके-बलूचिस्तान के बाद अब पाक के सिंध प्रांत में ‘आजादी’ के नारे लगे

भारत की बलूचिस्तान और पीओके रणनीति ने पाकिस्तान को बैकफुट में डाल दी है। पीएम मोदी की पहल से गिलगित, पीओके और बलूचिस्तान के बाद अब पाकिस्तान के सिंध प्रांत में ‘आजादी’ के नारे लगाए गए हैं। लंदन में भी पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। लंदन में बलोच और सिंधी नेताओं ने चीनी दूतावास के सामने पाकिस्तान और चीन इकॉनामिक कॉरिडोर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
कश्‍मीर मसला : एमनेस्‍टी के खिलाफ एबीवीपी सड़क पर उतरी

कश्‍मीर मसला : एमनेस्‍टी के खिलाफ एबीवीपी सड़क पर उतरी

बेंगलुरु में मानवधिकारों के लिए काम करनेवाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल की रैली में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगने के विरोध में एबीवीपी कर्नाटक की सड़क पर उतर गई है। पुलिस ने एबीवीपी की शिकायत पर इस मसले पर मामला दर्ज कर लिया है। विरोध कर रही एबीवीपी ने बुधवार को शहर में पुलिस कमिश्नर कार्यालय की तरफ जाने वाले रास्ते को रोक लिया। एबीवीपी ने कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। जिसके तहत पूरे राज्‍य भर में प्रदर्शन किए गए।
नारे लगाने से कोई देशभक्त या देशद्रोही नहीं होता : रोमिला थापर

नारे लगाने से कोई देशभक्त या देशद्रोही नहीं होता : रोमिला थापर

राष्ट्रवाद महज झंडा फहराने, नारे लगाने या भारत माता की जय नहीं बोलने वालों को दंडित करने से साबित नहीं किया जा सकता बल्कि देश की जरूरतों को पूरा करने की बड़ी प्रतिबद्धता ही राष्ट्रवाद है।
उड़ान में आईएस के लगे नारे, मुंबई में इमरजेंसी लैंंडिंग के बाद दो गिरफ्तार

उड़ान में आईएस के लगे नारे, मुंबई में इमरजेंसी लैंंडिंग के बाद दो गिरफ्तार

इंडिगो फ्लाइट की उड़ान के दौरान आईएसआईएस के नारे लगाने के आरोप में दो लोगों को मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंंडिंग के बाद गिरफ्तार किया गया। इंडिगो का विमान दुबई से केरल जा रहा था जिसमें आईएस के नारे लगने लगे। आनन फानन में विमान को उतारा गया।
जेएनयू मामले का आईएसआईएस उठाना चाहता था फायदा

जेएनयू मामले का आईएसआईएस उठाना चाहता था फायदा

आतंकी संगठन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) भारत में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देशविरोधी नारेबाजी के बाद मचे हंगामे का फायदा उठाना चाहता था। आईएसआईएस की गतिविधियों से संबंधित एक संदिग्ध आतंकियों के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने दिए बयान के बाद इस तरह की जानकारी सामने आई।
बिहार के गांव से तिहाड़ तक के सफर पर किताब लिखेंगे कन्हैया

बिहार के गांव से तिहाड़ तक के सफर पर किताब लिखेंगे कन्हैया

जेएनयू में कथित देशविरोधी नारेबाजी के बाद देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हुए छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार अपनी जीवन यात्रा पर अब एक किताब लिखेंगे। इस किताब में कन्हैया बिहार के एक गांव से शुरु होकर देशद्रोह के आरोप में दिल्ली के तिहाड़ जेल जाने तक के अपने जीवन के सफर पर रौशनी डालेंगे।
चर्चाः पत्थर का सिंहासन, न्याय के आंसू | आलोक मेहता

चर्चाः पत्थर का सिंहासन, न्याय के आंसू | आलोक मेहता

देश-दुनिया को न्याय दिलाने वाले भारतीय न्यायाधीशों की कोई यूनियन नहीं होती। वे नारे नहीं लगा सकते। विरोध में प्रदर्शन नहीं कर सकते। स्वयं बनाई आचार संहिता के तहत अधिकांश न्यायाधीश भव्य पार्टियों से भी बचते रहते हैं। निजी समारोह में भी कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करते। विधि संस्‍थानों अथवा प्रतिष्ठित संस्‍थानों को छोड़कर सभाओं को संबोधित करने नहीं जाते। केवल सत्य निष्‍ठा और निष्पक्ष न्याय उनका मूल मंत्र और लक्ष्य होता है। कानूनी ग्रंथों के अलावा अदालत में प्रस्तुत प्रकरणों की मोटी फाइलें दिन-रात पढ़ते और फैसले लिखते हैं।
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