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Search Result : "दो साल जेल"

'मन की बात' से मालामाल हुआ आकाशवाणी, दो साल में कमाए 10 करोड़

'मन की बात' से मालामाल हुआ आकाशवाणी, दो साल में कमाए 10 करोड़

देश की जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर महीने होने वाले रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ से ऑल इंडिया रेडियो पिछले दो सालों में मालामाल हो गया है। उसने इस प्रोग्राम से करीब 10 करोड़ रुपये कमाए हैं ।
जेल में शशिकला के ‘स्पेशल ट्रीटमेंट’ का खुलासा करने वाली डीआईजी का तबादला

जेल में शशिकला के ‘स्पेशल ट्रीटमेंट’ का खुलासा करने वाली डीआईजी का तबादला

बेंगलुरु की जेल में एआईएडीएमके नेता शशिकला को मिल रहे कथित स्पेशल ट्रीटमेंट का खुलासा करने वाली डीआईजी रूपा का ट्रांसफर हो गया है।
नेटवेस्ट सीरीज: जीत के 15 साल और लार्ड्स की बॉलकनी में लहराती दादा की टी-शर्ट

नेटवेस्ट सीरीज: जीत के 15 साल और लार्ड्स की बॉलकनी में लहराती दादा की टी-शर्ट

13 जुलाई के दिन भारतीय क्रिकेट में एक ऐसी इबारत लिखी गई जो आज भी हर क्रिकेट प्रेमी के जेहन में ताजा है। हम बात कर रहे हैं आज से 15 साल पहले लॉर्ड्स के मैदान में खेले गए नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल की। ये वही फाइनल था जिसमें भारत ने इंग्लैंड के मुंह से जीत छीनकर नेटवेस्ट सीरीज अपने नाम की थी और गांगुली ने जीत का जश्न अपनी टी-शर्ट उतारकर मनाया था, जिसे आज भी क्रिकेट फैंस याद करते हैं।
डीआईजी जेल ने कहा,शशिकला को जेल में मिल रहा है वीआईपी ट्रीटमेंट

डीआईजी जेल ने कहा,शशिकला को जेल में मिल रहा है वीआईपी ट्रीटमेंट

जेल डीआईजी, डी. डी. रूपा ने आरोप लगाया है कि एआईएडीएमके की जनरल सेक्रेटरी शशिकला को सेंट्रल जेल का स्टाफ वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहा है। उनके मुताबिक, जेल के कई सीनियर स्टाफ गैरकानूनी गतिविधियों की इजाजत दे रहे हैं।
करीना की ऑनस्क्रीन मां को हुई 2 साल की सजा, जानें आखिर क्या है वजह

करीना की ऑनस्क्रीन मां को हुई 2 साल की सजा, जानें आखिर क्या है वजह

बॉलीवुड ‘सुल्तान’ सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान में एक्ट्रेस करीना कपूर की मां का किरदार निभाने वाली महिला इन दिनों काफी परेशानियों से गुजर रही हैं। करीना की ऑनस्क्रीन मां की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री अलका कौशल को 2 साल की जेल हो गई है।
कार्पोरेट निवेश की रफ्तार धीमी, 25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

कार्पोरेट निवेश की रफ्तार धीमी, 25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

1992 के बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 में कार्पोरेट निवेश की गति सबसे धीमी हो गई है। विश्लेषकों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में खराब मांग और नए परियोजनाओं को ऋण देने के लिए बैंकों की अनिच्छा से यह गिरावट आई है।