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चर्चाः धर्म का ‘ट्रंप कार्ड’ अमेरिका में भी | आलोक मेहता

चर्चाः धर्म का ‘ट्रंप कार्ड’ अमेरिका में भी | आलोक मेहता

अमेरिकी लोकतंत्र लगभग ढाई सौ वर्ष पुराना है। 1788 में संविधान को स्वीकृति मिली और 1790 में पहली राजनीतिक व्यवस्‍था लागू हुई। ब्रिटेन और इटली के प्राचीन लोकतंत्र का इतिहास इससे भी पुराना है। उस लोकतंत्र और आर्थिक सफलताओं के बल पर अमेरिका दुनिया की महाशक्ति के रूप में स्‍थापित हो गया।
बांग्लादेश में फिर हुई एक हिंदू पुजारी की निर्मम हत्या

बांग्लादेश में फिर हुई एक हिंदू पुजारी की निर्मम हत्या

बांग्लादेश में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के तीन संदिग्ध हमलावरों ने धारदार हथियारों से एक 70 वर्षीय हिंदू पुजारी की हत्या कर दी। मुस्लिम बहुल इस देश में अल्पसंख्यकों तथा धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं पर मुस्लिम चरमपंथियों के सिलसिलेवार हमलों की यह ताजा घटना है और इस साल यह दूसरे पुजारी की हत्या है।
माहे रमजान: दिल के रोगी क्या करें, क्या नहीं

माहे रमजान: दिल के रोगी क्या करें, क्या नहीं

इस्लामिक कैलेंडर के पवित्र महीने रमजान की शुरुआत होने वाली है। इस माह में मुस्लिम धर्म के लोग रोजे रखते हैं। रोजे के दौरान पूरे दिन भर कुछ भी नहीं खाया और पिया जाता है। ऐसे में दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों को रोजे रखने की वजह से परेशानी हो सकती है। इस बारे में भारत के प्रमुख ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. उपेंद्र कौल ने ऐसे मरीजों को इस महीने में बहुत अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है।
‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

फेसबुक और ट्विटर संवाद बनाने का जरिया है। मैंने अपने फेसबुक पर ऐसी सेटिंग्स की हुई थी कि मेरी वॉल पर कोई दूसरा कुछ लिख नहीं सकता था। बहुत से लोगों ने मुझसे कहा कि आप अपनी सेटिंग्स बदल दें ताकि हम आपसे संवाद में शामिल हो सकें। मैंने ऐसा कर दिया। कुछ समय पहले मैंने जेएनयू और जादवपुर यूनिवर्सिटी की छात्राओं पर लगे फ्री सेक्स के आरोप पर एक लेख लिखा। मैंने लिखा- ‘लड़कियों को फ्री सेक्स की गाली क्यों दी जाती है, पुरुषों को क्यों नहीं? क्योंकि माना जाता है कि पुरुषों को फ्री सेक्स का हक है।’ पुरुषों के लिए फ्री सेक्स कॉम्लीमेंट जैसा है। सही मायने में राजनीतिक तौर पर बेबाक महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए उन्हें रं...या फ्री सेक्स करने वाली कहा जाता है। मेरा यह लेख काफी शेयर हुआ। मैंने इसे अपनी फेसबुक वॉल पर भी शेयर किया। मेरे इस लेख में किसी ने कमेंट किया कि ‘तेरी मां भी फ्री सेक्स करती होगी?, तेरा बाप कौन है तू जानती भी नहीं.. ’ मेरी मां ने इसका जवाब दिया- ‘हां, मैंने फ्री सेक्स किया है। फ्री नहीं किया तो वह बलात्कार होता। फ्री का मतलब सहमति से सेक्स करना है, किसी को बंधक बनाकर सेक्स करना बलात्कार होता है।’ इसी से गालियों का सिलसिला शुरू हो गया। मेरे पिता, पति, भाई, बहन, मां सभी को गालियां और मुझे बलात्कार की धमकी दी गई।
हर धर्म को अपना धर्म चलाने की आजादी है : राजनाथ

हर धर्म को अपना धर्म चलाने की आजादी है : राजनाथ

धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी को लेकर देश में पिछले कुछ समय से छिड़ी बहस के बीच केंद्र सरकार ने आज कहा कि हर धर्म के लोगों को अपने धर्म को चलाने की आजादी है।
योग का संबंध किसी धर्म से नहीं- राजनाथ सिंह

योग का संबंध किसी धर्म से नहीं- राजनाथ सिंह

योग का किसी धर्म कोई संबंध नहीं है जो लोग इस तरह की सोच रखते हैं, उनमें सत्यनिष्ठा, समन्वय और संतुलन की कमी है। यह बात केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय योग उत्सव के समापन पर अवसर पर कही।
चर्चाः काम नहीं, नाम पर राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः काम नहीं, नाम पर राजनीति | आलोक मेहता

केंद्र और दिल्ली सरकार की नाक के नीचे हजारों दलित परिवारों के लिए पीने लायक साफ पानी, बच्चों के लिए शिक्षा, सिर छिपाने लायक छोटे फ्लैट, गंदी नालियां और शौचालय साफ करने के लिए सामान और ‌उचित मजदूरी नहीं है।
रोहित वेमुला की मां और भाई ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया

रोहित वेमुला की मां और भाई ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया

दलित छात्र रोहित वेमुला की मां और भाई ने आज डॉ.भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला ने जनवरी में आत्महत्या कर ली थी, जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
क्या सच में महात्मा गांधी ने धर्म को राजनीति से जोड़ा था?

क्या सच में महात्मा गांधी ने धर्म को राजनीति से जोड़ा था?

‘अंडरस्टैंडिंग दी फाउंडिंग फादर्स’ केवल भारत के महान नेताओं के राजनीतिक जीवन को ही समझने का प्रयास नहीं है बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र और प्रख्यात विद्वान एवं शिक्षाविद राजमोहन गांधी ने इस किताब में भारतीय राष्ट्रवाद के उन शिल्पकारों की विरासत के आसपास पैदा हो रहे सवालों पर एक रोशनी डालने का प्रयास किया है जो आज राजनीतिक परिचर्चाओं में अच्छी-खासी सुर्खियां बटोर रहे हैं।
चर्चाः धर्म के नाम पर गुमराह न करें | आलोक मेहता

चर्चाः धर्म के नाम पर गुमराह न करें | आलोक मेहता

स्वामी दयानंद और राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी समेत कई संत, महात्मा, समाज सुधारकों ने महिलाओं को अंधविश्वास तथा सामाजिक कुरीतियों से बचाने के लिए जीवन पर्यंत काम किया और क्रांतिकारी बदलाव हुए। इसी भारतीय समाज में किसी मंदिर में महिलाओं के पूजा करने से बलात्कार जैसे अपराध होने या साईं बाबा की पूजा से सूखा पड़ने जैसी बातें शंकराचार्य के रूप में मान्यता प्राप्त स्वामी स्वरूपानंद के मुंह से सामने आना बेहद आश्चर्यजनक और शर्मनाक है।
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