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चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

रंगों का त्योहार होली हो या रोशनी का उत्सव दीवाली- समाज के हर वर्ग को साथ मिलकर खुशियां बांटने की प्रेरणा देता है। यूं देश के शीर्ष नेता औपचारिक शुभकामना संदेश देते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में राजनीति में सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जिस तरह की जहरभरी पिचकारियां चलती हैं, वह समाज और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बनती जा रही हैं।
अनुच्छेद 370 की वैधता को चुनौती, उच्च न्यायालय में आदेश सुरक्षित

अनुच्छेद 370 की वैधता को चुनौती, उच्च न्यायालय में आदेश सुरक्षित

दिल्ली उच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर आज अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। इस अनुच्छेद के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ है।
अपने सहयोगी को राष्ट्रपति बनवाने में सफल हुईं सू की

अपने सहयोगी को राष्ट्रपति बनवाने में सफल हुईं सू की

म्यांमार की संसद ने नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के करीबी और लंबे समय से सहयोगी रहे हेतिन काव को करीब आधी सदी बाद देश का पहला असैनिक राष्ट्रपति चुन लिया। पूर्व में सैन्य शासन के अधीन रहे देश के राजनीतिक इतिहास में यह एक नया मोड़ है।
माल्या के बहाने कांग्रेस का सरकार पर निशाना

माल्या के बहाने कांग्रेस का सरकार पर निशाना

किंगफिशर समूह के चेयरमैन विजय माल्या के देश छोड़कर भागने पर कांग्रेस ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। सोमवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि काला धन वापस लाने की बजाय मोदी सरकार ने 22 महीनों में दो तोहफे दिए हैं पहला ललित मोदी और दूसरा विजय माल्या।
मकान खरीददारों को राहत, रियल एस्टेट बिल राज्यसभा से पास

मकान खरीददारों को राहत, रियल एस्टेट बिल राज्यसभा से पास

मकान खरीदकर उसके कब्जे के लिए सालो साल इंतजार करने के दिन खत्म होने वाले हैं। आपसे पैसा लेकर बिल्डर अब दूसरी परियोजनाओं में उसे नहीं लगा सकते है। आपका कम से कम 70 फीसदी पैसा उसी परियोजना की भूमि और निर्माण में लगेगा जिसके लिए आपने पैसा दिया है।
‘लोग आग उगल रहे हैं और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है’

‘लोग आग उगल रहे हैं और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है’

‘ संसद एक मरकज अदारा है लेकिन वहां बैठे लोग नफरत उगल रहे हैं। खासकर मुस्लिम अकिलियत के खिलाफ। साल भर से आग उगलने का यह सिलसिला जारी है और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है। इसका मतलब समझा सकता है। लेकिन इस देश में धर्मनिरपेक्षता का दस्तूर जारी रखने के लिए हम मैदान में आए हैं। इसके लिए 12 मार्च को दिल्ली में लगभग 40,000 हिंदू, मुसलमान, दलित और ईसाई धर्म के लोग इक्ट्ठा होकर अमन का पैगाम देंगे।‘ यह कहना है जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सईद अरशद मदनी का।
जो मोदी नहीं कर पाए, आनंदी बेन ने कर दिखाया

जो मोदी नहीं कर पाए, आनंदी बेन ने कर दिखाया

संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित देश के महिला जनप्रतिनिधियों का दो दिवसीय सम्मेलन आज समाप्त हो गया। समापन समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह कहना कि पुरुष महिलाओं को सशक्त कर सकते हैं हास्यास्पद है।
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