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चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

रंगों का त्योहार होली हो या रोशनी का उत्सव दीवाली- समाज के हर वर्ग को साथ मिलकर खुशियां बांटने की प्रेरणा देता है। यूं देश के शीर्ष नेता औपचारिक शुभकामना संदेश देते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में राजनीति में सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जिस तरह की जहरभरी पिचकारियां चलती हैं, वह समाज और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बनती जा रही हैं।
2015 का व्यास सम्मान सुनीता जैन को

2015 का व्यास सम्मान सुनीता जैन को

प्रख्यात लेखिका डॉक्टर सुनीता जैन के काव्य संग्रह क्षमा को साल 2015 के प्रतिष्ठित व्यास सम्मान के लिए चुना गया है। उनके इस कविता संग्रह का प्रकाशन साल 2008 में हुआ था।
अमेरिकी विश्वविद्यालय ने हिन्दू अध्ययन केन्द्र के लिए मिली अनुदान राशि लौटाई

अमेरिकी विश्वविद्यालय ने हिन्दू अध्ययन केन्द्र के लिए मिली अनुदान राशि लौटाई

अमेरिका के एक शीर्ष विश्वविद्यालय ने संकाय सदस्यों और छात्रों द्वारा अनुदानकर्ताओं पर चरमपंथी विचारधारा का होने और दक्षिण चरमपंथी विचारधारा से प्रेरित होने का आरोप लगाए जाने के बाद हिन्दू और भारत अध्ययन केन्द्र बनाने के लिए मिली 30 लाख डॉलर की अनुदान राशि वापस कर दी है।
फिर जी उठे बैजू बावरा

फिर जी उठे बैजू बावरा

11वीं सदी के भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर चंदेरी, जो बुंदेलों और मालवा के शासकों द्वारा बनवाया गया। ऐतिहासिक इमारतों और गुप्त, प्रतिहार, गुलाम, तुगलक, खिलजी, अफगान, गौरी, राजपूत और सिंधिया वंश द्वारा शासित रहा चंदेरी अब खास रेशमी के कपड़ों के लिए भी जाना जाता है। इससे इतर अपने कलात्मक इतिहास के कारण चंदेरी कभी सांस्कृतिक नगरी के रूप में भी जाना जाता था।
धर्म,बीफ या जाति नहीं, विकास होगा बंगाल में हमारा चुनावी मुद्दाः कैलाश विजयवर्गी

धर्म,बीफ या जाति नहीं, विकास होगा बंगाल में हमारा चुनावी मुद्दाः कैलाश विजयवर्गी

भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में अपनी एक अलग पहचान बना चुके मध्य प्रदेश के कैलाश विजयवर्गीय हरियाणा के बाद पश्चिम बंगाल में जीत की रणनीति बनाने में मशगूल है। भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पास पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी है। स्वाभाविक ही है कि उनके पास पश्चिम बंगाल से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार टिकट की आस लगाए उनके पास पहुंचने लगे हैं। पश्चिम बंगाल में उनकी रणनीति पर आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह ने उनसे विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंश-
चर्चाः कहां हैं धर्म के रखवाले | आलोक मेहता

चर्चाः कहां हैं धर्म के रखवाले | आलोक मेहता

सीताराम, राधेश्याम, लक्ष्मीपति विष्‍णु, शिव-पार्वती की जयकार के साथ धर्म ध्वजा फहराने वाले धर्मगुरु, नेता, समाजसेवी की आवाज अहमदाबाद-पुणे में क्यों नहीं सुनाई दी? ब्रह्मांड न सही, विश्व हिंदू परिषद के गरजने वाले नेता तिलक और कमंडल के साथ मातृशक्ति के लिए मैदान में ‘संकीर्ण’ और सत्ता व्यवस्‍था के समक्ष खड़े क्यों नहीं दिखाई दिए?
ये बच्चे बदललेंगे कल की तस्वीर

ये बच्चे बदललेंगे कल की तस्वीर

दिल्ली का इंडिया हैबिटैट सेंटर में रोज की तरह गहमा गहमी है। यहीं के एक हॉल में बिहार के अलग-अलग जिले से कुछ बच्चे आए हुए हैं, जोश और आत्मविश्वास से भरे हुए। अपनी बात कहने के लिए तत्पर।
दलित आईएएस ने इस्‍लाम कबूला, सरकार पर भेदभाव का आरोप

दलित आईएएस ने इस्‍लाम कबूला, सरकार पर भेदभाव का आरोप

राजस्थान पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष और भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया नेेे अपने साथ भेदभाव से दुखी होकर धर्म परिवर्तन कर लिया और इस्‍लाम अपना लिया है। अपनी उपेक्षा से दुखी होकर उन्होंने वीआरएस लेने का भी फैसला किया है। 6 महीने बाद रिटायर हो जा रहे सालोदिया ने मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर चीफ सेक्रेटरी नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की।
धर्मनिरपेक्षता के बदले  'इंडिया फर्स्‍ट' का पैंतरा

धर्मनिरपेक्षता के बदले 'इंडिया फर्स्‍ट' का पैंतरा

धर्मनिरपेक्षता की धारणा पर कुछ हद तक सवाल खड़े करते हुए संविधान दिवस (26 नवंबर 2015) के आयोजन ने इस बहस को एक बार फिर से खड़ा कर दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उस दलील को दोहराया जिसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार अर्से से उठाता रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द की विकृत परिभाषा का उपयोग समाज में तनाव उत्पन्न कर रहा है।
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