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पूर्व पीएम की समाधि को लेकर सियासत

पूर्व पीएम की समाधि को लेकर सियासत

एनडीए सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहाराव की समाधि बनाने के प्रस्ताव को सियासी नजरिए से देखा जा रहा है। कांग्रेस द्वारा उपेक्षित रहे नरसिंहाराव की मृत्यु के बाद भी यूपीए सरकार ने उनकी समाधि स्थल नहीं बनाया। अब एनडीए सरकार ने यमुना नदी के तट पर एकता स्थल पर राव का एक स्मारक बनाने का प्रस्ताव बनाया है।
कश्मीर घाटी में बारिश का प्रकोप हुआ कम

कश्मीर घाटी में बारिश का प्रकोप हुआ कम

कश्मीर घाटी में पिछले 24 घंटों में बारिश नहीं होने से बाढ का खतरा कम हो गया है और झेलम नदी के जलस्तर में गिरावट आई है। नदी में पानी बाढ़ के स्तर से नीचे बह रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के संगम में झेलम का जलस्तर 16.45 फुट है जो कि 24 घंटे पहले के 22.80 फुट के जलस्तर की तुलना में छह फुट कम है। उन्होंने बताया कि शहर के राममुंशी बाग में भी जलस्तर में डेढ फुट से अधिक की गिरावट आई है और जलस्तर के दिन में और गिरने की उम्मीद है। हालांकि आसमान में बादल छाए हुए हैं लेकिन पिछले 24 घंटों में ताजा बारिश नहीं हुई है जिससे शहर में बाढ़ आने की चिंता कम हुई है।
कश्मीर में फिर बाढ़ के हालात

कश्मीर में फिर बाढ़ के हालात

भारी बारिश के कारण श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के संगम इलाके में सोमवार को झेलम नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के कारण आपात उपायों के तहत एनडीआरएफ की 100 सुरक्षाकर्मियों की दो टीमों को जम्मू कश्मीर के लिए रवाना किया गया है। इस बीच राज्य सरकार ने कश्मीर में बाढ़ की घोषणा कर दी है। कश्मीर घाटी पिछले वर्ष भीषण बाढ़ झेल चुकी है।
उत्तराखंड चाहता है पर्यावरण संरक्षण से हुए नुकसान की भरपाई

उत्तराखंड चाहता है पर्यावरण संरक्षण से हुए नुकसान की भरपाई

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए उत्तराखंड ने अपने आर्थिक विकास से जो समझौता किया है उसकी अवश्य भरपाई की जानी चाहिए। गुरूवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले कार्यक्रम नमामि गंगे में रावत ने कहा कि भागीरथी इको सेंसिटिव जोन की घोषणा ने लगभग दो मेगावाट से अधिक की क्षमता की परियोजनाओं को बाधित कर दिया।
किन्नौर में जेपी के ख़िलाफ़ किसानों का प्रदर्शन

किन्नौर में जेपी के ख़िलाफ़ किसानों का प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत घाटी किनौर इन दिनों पहले जैसी नहीं है। नंगे पर्वतों से घिरे तापड़ी के मैदान में जेपी कंपनी के खिलाफ नारेबाजी से आसमान गूंज रहा है। यहां जिले की 18 पंचायतों के लगभग तीन हजार ग्रामीणों और कंपनी में काम कर रहे आठ सौ से ज्यादा मजदूरों ने प्रदर्शन किया। जेपी के खिलाफ खुले मोर्चे में अपना हक मांग रहे लोग लगातार बोल सठिया हल्ला बोल जेपी अपनी तिजोरी खोल के नारे लगा रहे थे।
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