Advertisement

Search Result : "नरेंद्र पाटिल"

अमित शाह दोबारा बने भाजपा अध्‍यक्ष, निर्विरोध चुने गए

अमित शाह दोबारा बने भाजपा अध्‍यक्ष, निर्विरोध चुने गए

जैसा कि उम्‍मीद जताई जा रही थी अमित शाह को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की कमान मिल गई है। अमित शाह को तीन साल के पूर्ण कार्यकाल के लिए निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। गौरतलब है कि आउटलुक ने 18 जनवरी को ही अमित शाह के दोबारा अध्‍यक्ष बनाए जाने के फैसले की खबर दे दी थी।
रोहित के परिवार ने की मोदी-ईरानी की आलोचना, ठुकराई अनुग्रह राशि

रोहित के परिवार ने की मोदी-ईरानी की आलोचना, ठुकराई अनुग्रह राशि

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रावास में खुदकुशी करने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला के परिजनों ने विश्वविद्यालय की तरफ से दी गई अनुग्रह राशि की पेशकश को ठुकरा दिया। परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की आलोचना करते हुए सवाल किया कि जवाब देने में उन्हें पांच दिन का समय क्यों लग गया।
राहुल का तंज, किसानों के आंसू भी देख लें मोदीजी

राहुल का तंज, किसानों के आंसू भी देख लें मोदीजी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड इलाके के महोबा में पदयात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को न सिर्फ उद्योगपतियों के बारे में बल्कि भोजन उपलब्ध कराने वाले किसानों और मजदूरों के बारे में भी सोचना चाहिए ।
प्रधानमंत्री के आंसू पर कांग्रेस की चुटकी

प्रधानमंत्री के आंसू पर कांग्रेस की चुटकी

हैदराबाद के छात्र रोहित वेमूला की आत्महत्या के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संवेदना प्रकट करने और आंसू बहाने पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि पांच दिन लग गए संवेदना को प्रकट करने में।
नेताजी पर सरकार ने गलत दस्तावेज पेश किए- कांग्रेस

नेताजी पर सरकार ने गलत दस्तावेज पेश किए- कांग्रेस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो फाइल सार्वजनिक की है कांग्रेस ने उसकी जमकर आलोचना की है। मीडिया रिपोर्ट में इस बात का खुुलासा हुआ कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री एटली को चिट्ठी लिखी थी जो कि जिसमें नेताजी को युद्घ अपराधी लिखा गया था। जिसका कांग्रेस ने विरोध किया।
इंतजार खत्म, नेताजी से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक

इंतजार खत्म, नेताजी से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुभाष चंद्र बोस की 119वीं जयंती पर उनसे जुड़ी 100 गोपनीय फाइलों की डिजिटल प्रतियां सार्वजनिक कीं। इन फाइलों से नेताजी की मृत्यु से जुड़े विवाद को समझने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने फाइलों को सार्वजनिक किया और इनकी डिजिटल प्रतियां भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में प्रदर्शित करने के लिए जारी कीं।
चर्चाः प्रचार, पैसा और पद |आलोक मेहता

चर्चाः प्रचार, पैसा और पद |आलोक मेहता

प्रचार मास्टर प्रशांत किशोर बिहार सरकार के सलाहकार नियुक्त हो गए। कोई चुनाव लड़े बिना कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया। लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सफलता का ताज अपने सिर पर पहन कर प्रशांत किशोर ने पाटलीपुत्र में भी अशोक चक्र का तमगा प्राप्त कर लिया।
मल्लिका साराभाई ने शोक नहीं जताने पर की मोदी की आलोचना

मल्लिका साराभाई ने शोक नहीं जताने पर की मोदी की आलोचना

नृत्यांगना मल्लिका साराभाई ने उनकी मां मृणालिनी के निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह उनकी घृणा वाली मानसिकता दर्शाता है। मल्लिका ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा था जिसमें वह हार गई थीं।
रोहित के जिक्र पर भावुक हुए पीएम, लगे 'मोदी वापस जाओ' के नारे

रोहित के जिक्र पर भावुक हुए पीएम, लगे 'मोदी वापस जाओ' के नारे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर चुप्पी तोड़ते हुए आज शोक व्यक्त किया हालांकि लखनऊ की बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में उनके संबोधन के दौरान कुछ छात्राों ने नारेबाजी की।
मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
Advertisement
Advertisement
Advertisement