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Search Result : "नागरिक सम्मान"

कोर्ट के साइबर फैसले से नागरिक गौरवान्वित

कोर्ट के साइबर फैसले से नागरिक गौरवान्वित

यह आम बात हो गई है कि भारत के राजनीतिज्ञ कठोर राजनीतिक फैसले लेने से कतराते हैं और उन्हें अदालत के भरोसे छोड़ देते हैं। राजनैतिक, कार्यकारी और विधायी जिम्मेदारियों से यह पलायन ही न्यायिक सक्रियतावाद को जन्म देता है।
शशि कपूर को दादा साहब फाल्के सम्मान

शशि कपूर को दादा साहब फाल्के सम्मान

बीते जमाने के अभिनेता शशि कपूर को दादा साहब फाल्के सम्मान मिलना उनके काम को सम्मान मिलना है। उन्होंने रोमांटिक भूमिकाएं जिस सहजता से निभाईं उसी कुशलता से वह परदे पर अपने गुस्से का इजहार भी करते थे।
संसद में स्मृति के सम्मान में शरद

संसद में स्मृति के सम्मान में शरद

राज्यसभा में आज जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ पूर्व में की गयी अपनी टिप्पणी को लेकर उठे विवाद पर विराम लगाने के प्रयासों के तहत कहा कि वह उनका बहुत सम्मान करते हैं और ऐसा कहने का उनका कोई आशय नहीं था।
हिंदी साहित्यकारों को अंतरराष्ट्रीय सम्मान

हिंदी साहित्यकारों को अंतरराष्ट्रीय सम्मान

ढींगरा फाउंडेशन-हिंदी चेतना अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मानों की घोषणा कर दी गई है। यह घोषणा वषऱर्ष 2014 के लिए है। इस के अंतर्गत यह पुरस्कार उषा प्रियंवदा (अमेरिका), चित्रा मुद्गल और ज्ञान चतुर्वेदी (भारत) को प्रदान किए जाएंगे।
फिल्मकार गोदार को मिलेगा स्विस अवॉर्ड

फिल्मकार गोदार को मिलेगा स्विस अवॉर्ड

दुनिया के मशहूर फिल्मकार और फ्रांसीसी न्यू वेव सिनेमा के संस्थापक सदस्य ज्यां लुक गोदार को 2015 के स्विस फिल्म ऑनररी अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह समारोह 13 मार्च को जिनीवा में होगा।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
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