सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। इसमें अनुरोध किया गया है- नया जांच आयोग गठित करके गांधी की हत्या के पीछे की बड़ी साजिश का खुलासा किया जाए। इसमें कहा गया कि क्या यह इतिहास में मामला ढकने की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है, और क्या गांधी की मौत के लिए विनायक दामोदर सावरकर को जिम्मेदार ठहराने का कोई आधार है या नहीं।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर में चरखे के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाए जाने पर कांग्रेस ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और नाथूराम गोडसे की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार बताने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर मुकदमे के बीच नाथूराम गोडसे के एक रिश्तेदार ने कहा है कि हत्या के बाद आरएसएस ने नाथूराम का बहिष्कार किया था और हत्या की निन्दा की थी, लेकिन गोडसे ने फिर भी संघ नहीं छोड़ा और वह अपने जीवन की अंतिम सांस तक भगवा संगठन के सदस्य रहे।
आरएसएस से जुड़े वकीलों के संगठन अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद (एबीएपी) के अधिकांश वकीलों ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या मामले में नाथू राम गोडसे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बयान देकर एक तरह से इस पूरे विवाद में बाजी मार ली है। संघ कांग्रेस उपाध्यक्ष की रणनीति के आगे फीका रहा। इस बयान ने उन्हें हीरो बना दिया। वकीलों की राय है कि हत्या प्रकरण में संघ ने पहले जो लड़ाई जीती थी, वह अब उसके हाथ से निकल गई।
कांग्रेस अब महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के संघ से रिश्ते के प्रमाण एकत्रित करने में लगी हुई है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ जो कुछ भी कहा है, वह उसके ट्रायल के लिए तैयार हैं। गांधी के वकील कपिल सिब्बल की योजना महाराष्ट्र के कांग्रेस कार्यकर्ता राजेश कुंटे से बहस की मांग करने की है।
भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने खुद को गांधी जी का भक्त बताते हुए कहा कि आज ही के दिन एक सिरफिरे ने गांधीजी की हत्या कर दी थी। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता की विचारधारा अमर है।
कल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी के दिन उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे पर आधारित पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम का नवगठित गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने विरोध किया है।
महाराष्ट्र में विदेशी विचारधारा ‘गोडसेवाद’ की खूनी आंधी चल रही है। यह पहले ही दो प्रमुख बुद्धिवादियों को मौत के घाट उतार चुकी है: अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र दाभोलकर और कम्यूनिस्ट नेता गोविंद पानसरे। तीसरी बलि लेने के लिए कसाई गोडसेवाद अब ठीहे पर डॉ. भारत पाटणकर की गर्दन घसीट लाना चाहता है जो महाराष्ट्र के वैकल्पिक सांस्कृतिक संगठन, विद्रोही सम्मेलन और श्रमिक मुक्ति दल के प्रमुख हैं। विद्रोही सम्मेलन की स्थापना महाराष्ट्र के साहित्य सम्मेलन के समानांतर संगठन के बतौर की गई है। पाटणकर की गर्दन के लिए अपने गंड़ासे की धार सान पर चढ़ाए गोडसेवादियों को मुसलमानों के प्रति कथित नरमी के अलावा सबसे ज्यादा एतराज उनके विद्रोही सम्मेलन का नेतृत्व संभालने पर है।
राज्यसभा में कांग्रेस ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने के प्रयासों पर चिंता जतायी। शून्यकाल में कांग्रेस के हुसैन दलवई ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखाया। लेकिन आज उन्हीं के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने का प्रयास हो रहा है। पिछले दिनों नाथूराम गोडसे को लेकर शौर्य दिवस मनाया गया।