प्रवचनकर्ता आसाराम बापू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की के पिता का आरोप है कि उन्हें उनकी बेटी के मामले में दर्ज मुकदमा वापस लेने अथवा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है।
भारत को अक्सर शोषण और विरोध की भूमि के रूप में चित्रित किये जाने को गलत बताते हुए लेखक एवं किंग्स काॅलेज लंदन में प्रोफेसर सुनील खिलनानी ने कहा है कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था एवं युवा, कुशल मानव संसाधन के साथ आज दुनिया में भारत को कतई नजरंदाज नहीं किया जा सकता जो अपनी प्राचीन परंपरा, सांस्कृतिक विविधता के साथ आर्थिक गतिशीलता बनाये हुए है।
ठाणे में अपने ही परिवार के 14 सदस्यों की नृशंस हत्या करने के बाद आत्महत्या करने वाले हसनैन वारेकर ने अपने रिश्तेदारों से भारी कर्ज ले रखा था और ऐसी आशंका है कि उसने अपनी एक बहन के साथ यौन दुर्व्यवहार भी किया था जो मानसिक रूप से कमजोर थी।
मुरथल में कुछ महिलाओं के साथ कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को तीन अधिकारियों के जो नंबर जारी किए उनमें से एक नंबर इंदौर के एक व्यक्ति का था। हरियाणा पुलिस के नंबर जारी करते ही उस व्यक्ति को इस संबंध में शुक्रवार से लगातार फोन आ रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने कहा हैै कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र देवांश की मौत के बाद उसके पिता के आरोपों के मद्देनजर सीबीआई जांच की सिफारिश की जाएगी। पिता का आरोप है कि बच्चे का यौन उत्पीड़न कर उसकी हत्या की गई।
भारतीय मूल की एक अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी ने भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए लुधियाना पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इक्कीस वर्षीया इस महिला का दावा है कि वह पिछले चार साल से सरदार के साथ रह रही थीं। अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया है कि सरदार ने उन्हें मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया। आलोचनाओं से घिरे सरदार सिंह ने बुधवार कााा भारतीय मूल की ब्रिटिश हॉकी खिलाड़ी द्वारा लगाए गए कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों को यह कहते हुए खारिज किया कि हालांकि वह उसे जानते हैं लेकिन उनकी मंगनी नहीं हुई जैसा इस महिला खिलाड़ी ने दावा किया है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिए दायर सुधारात्मक याचिका को आज उच्चतम न्यायालय ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी।
असंतोष और टकराव का लाल गलियारा बेहद लंबा है। आज राज्य के अर्द्ध सैन्य बल और प्रतिरोधी आदिवासी आमने-सामने हैं। आखिर क्यों है ऐसा? समाज विज्ञानी, लेखक और पत्रकार रामशरण जोशी इस ‘क्यों’ की पड़ताल अपनी नई पुस्तक ‘यादों का लाल गलियारा-दंतेवाड़ा’ में करते हैं।
इंफोसिस कंपनी के पुणे परिसर में कार्यरत एक महिला कर्मचारी के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है। महिला ने आरोप लगाया कि वहीं काम करने वाले दो लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने महिला से बलात्कार के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
आक्रोश और उन्माद हिंसा दे सकते हैं, न्याय नहीं, राज्यसभा में किशोर न्याय (बाल देखरेख एवं संरक्षण) विधेयक-2015 के पारित होने से यही बात फिर से साबित हुई है। उंन्मादित जनता बस 16 दिसंबर 2012 सामूहिक बलात्कार (निर्भया) के किशोर अपराधी का खून मांगने निकली थी, सरकार ने उसके दामन में देश भर के बच्चों को अपराधी बनाने का दाग भर दिया। जी हां, किशोर न्याय विधेयक का बर्बर बलात्कार और हत्यायों से कोई खास रिश्ता नहीं है। यह विधेयक किसी भी ‘जघन्य’ अपराध के आरोपी किशोरों के साथ व्यस्क अपराधियों सरीखा व्यवहार करने, उन पर वयस्क अदालतों में मुकदमा चलाने और उन्हें वयस्कों के लिए बनी जेल में भेजने का रास्ता खोलता है।