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Search Result : "निजी शिक्षा"

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना उद्देश्य : जावडेकर

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना उद्देश्य : जावडेकर

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्य क्षता में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया कि शिक्षा एक राष्ट्रीय एजेंडा है जो हर व्यक्ति की जिंदगी में महत्व रखता है।
लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता के मामले में पिछले साल की तुलना में 21 स्थानों की बढ़त हासिल करने के बावजूद भारत को वैश्विक स्तर पर बेहद पिछड़ा यानी 87वां स्थान मिला है। भारत को मिली बढ़त मुख्यत: शिक्षा में हुई प्रगति के कारण है। इस सूची में आइसलैंड शीर्ष पर है।
केंद्र सरकार ने कहा, हुर्रियत नेताओं से मुलाकात यशवंत सिन्‍हा की निजी पहल

केंद्र सरकार ने कहा, हुर्रियत नेताओं से मुलाकात यशवंत सिन्‍हा की निजी पहल

केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्‍हा अपनी निजी पहल के तहत कश्‍मीर समस्‍या पर हुर्रियत नेताओं से मुलाकात की है। सूत्रों ने इन ख़बरों को निराधार बताया कि सरकार की पहल पर सिन्हा के नेतृत्व में एक दल हुर्रियत नेताओं से जम्मू-कश्मीर में बात कर रहा है। सरकार ने कहा कि सिन्‍हा अपनी पहल पर ही कश्‍मीर गए हैं।
संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

आरएसएस से जुड़े संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की मंशा है कि स्कूलों में उच्च शिक्षा तक मातृ भाषा में ही बच्चों को सभी निर्देश दिए जाएं। न्‍यास ने नई शिक्षा नीति की सिफारिश में इस तरह की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है। सिफारिश मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी गई है। संगठन चाहता है कि जल्द लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में उसकी सिफारिशों पर गौर करते हुए अंग्रेजी की जगह मातृ भाषा को बढ़ावा जाए।
अंग्रेजी के ‌लिए सर्जिकल आपरेशन जरूरी

अंग्रेजी के ‌लिए सर्जिकल आपरेशन जरूरी

अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, चाइनीज, जर्मन जैसी हर भाषा के अच्छे ज्ञान का सदैव स्वागत होना चाहिए। लेकिन भारत जैसे देश में अंग्रेजी की अनिवार्यता राजनीतिक मजबूरियों और ब्रिटिश विरासत में मिले बाबुई तंत्र के कारण 70 वर्षों में समाप्त नहीं हो सकी।
भुवनेश्वर अस्पताल त्रासदी: ट्रस्टी मनोज रंजन ने किया आत्मसमर्पण

भुवनेश्वर अस्पताल त्रासदी: ट्रस्टी मनोज रंजन ने किया आत्मसमर्पण

सम अस्पताल चलाने वाले शिक्षा ओ अनुसंधान चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज रंजन नायक ने आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सम अस्पताल में आग लग जाने पर 21 लोग मारे गए थे। नायक की गिरफ्तारी के साथ इस आग त्रासदी के मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या पांच हो गई है।
दलितों को निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए आंदोलन करेंगे उदित राज

दलितों को निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए आंदोलन करेंगे उदित राज

दलित नेता एवं उत्तर पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद उदित राज ने निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए कानून बनाने की मांग करते हुए अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ की ओर से देशव्यापी आंदोलन चलाने और 28 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने का ऐलान किया।
मप्र: आंकड़ों में घिरी भाजपा सरकार, करोड़ों को पोषाहार देने का दावा सवालों में

मप्र: आंकड़ों में घिरी भाजपा सरकार, करोड़ों को पोषाहार देने का दावा सवालों में

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
रिटायर होने के बाद प्रणव दा राष्ट्रपति भवन से सिर्फ निजी किताबें ले जाएंगे

रिटायर होने के बाद प्रणव दा राष्ट्रपति भवन से सिर्फ निजी किताबें ले जाएंगे

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी रिटायरमेंट की तैयारियों में जुटे हैं। जब वे राष्ट्रपति चुने गए थे, तब उन्होंने राष्ट्रपति भवन जाने के पहले कहा था कि वे राजनीतिक जीवन की सरगर्मियों को मिस कर रहे हैं। अब बतौर राष्ट्रपति कार्यकाल खत्म होने के बाद के जीवन के लिए चुपचाप तैयारी कर रहे हैं। राष्ट्रपति भवन के बाद उनका अगला ठिकाना 34, एपीजे अब्दुल कलाम रोड होगा। वहां वे अपनी पुरानी किताबें ले जाएंगे। बाकी चीजें वे राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय के लिए छोड़ देंगे।
शिक्षा में बदलाव जरूरी, आज की कई नौकरियां भविष्य में नहीं होंगी: नीलेकणि

शिक्षा में बदलाव जरूरी, आज की कई नौकरियां भविष्य में नहीं होंगी: नीलेकणि

इन्फोसिस के सह संस्थापक नंदन नीलेकणि ने कौशल तथा शिक्षा में बदलाव पर जोर देते हुए कहा है कि आज की कई नौकरियां भविष्य में नहीं दिखेंगी।
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