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Search Result : "निर्देशक दीपा मेहता"

ठंडे बस्ते में गई फुकरे- 2

ठंडे बस्ते में गई फुकरे- 2

निर्देशक मृगदीप सिंह लांबा इसी साल अपनी अगली हास्य फिल्म पर काम शुरू करेंगे और फिलहाल उन्होंने फुकरे के सीक्वल को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
धर्मान्धता के इस दौर में विनोद मेहता की कमी खलेगीः सोनिया गांधी

धर्मान्धता के इस दौर में विनोद मेहता की कमी खलेगीः सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आउटलुक समूह के दिवंगत संस्थापक संपादक विनोद मेहता को जी.के.रेड्डी मेमोरिअल अवार्ड दिया, जिसे विनोद मेहता की पत्नी सुमिता मेहता ने स्वीकार किया। दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हुए।
निर्देशक एंजेलिना की फिल्म बाय द सी

निर्देशक एंजेलिना की फिल्म बाय द सी

एंजेलिना जॉली ने एक फिल्म का निर्देशन किया है। इस फिल्म में उनके पति ब्रेड पिट अभिनय कर रहे हैं। लंबे वक्त से एंजेलिना के प्रशसंक इस फिल्म का इंतजार कर रहे हैं। अब इंतजार की घड़ियां खत्म हुईं और इसी साल यह फिल्म नवंबर में प्रदर्शित होगी।
आवाज न उठाता तो नकली पत्रकार बनताःदेवांश मेहता

आवाज न उठाता तो नकली पत्रकार बनताःदेवांश मेहता

इन दिनों सेंट स्‍टीफन कॉलेज के छात्र देवांश मेहता सुर्खियों में हैं। दर्शनशास्त्र, तृतीय वर्ष के इस छात्र ने अपनी साख, सम्मान और अपने पर लगे आरोपों को पूरे कॉलेज के सामने खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्याय मिल भी गया। देवांश अपनी जीत से काफी खुश है। उनका कहना है कि कोई कितना ही ताकतवर और ऊंची कुर्सी पर क्यों न बैठा हो, जुल्म के खिलाफ हर हाल में आवाज उठानी चाहिए। अपनी जीत के मौके पर देवांश ने आउटलुक से खास बातचीत कीः
सीआईसी की नियुक्ति पर प्रगति रिपोर्ट दे केंद्रः हाईकोर्ट

सीआईसी की नियुक्ति पर प्रगति रिपोर्ट दे केंद्रः हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि मुख्य सूचना आयुक्त और केन्द्रीय सूचना आयोग में तीन अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को तेज किया जाए और इसकी प्रगति के बारे में 11 मई तक सूचित किया जाए क्योंकि इन रिक्तियों के कारण मामलों का बड़ा अंबार लग गया है।
विनोद मेहता की पुस्तक का लोकार्पण

विनोद मेहता की पुस्तक का लोकार्पण

आउटलुक पत्रिका के संस्थापक संपादक रहे विनोद मेहता की किताब ‘एडिटर अनप्लग्ड’ का यहां एक सादे समारोह में लोकार्पण किया गया। इस दौरान प्रसिद्ध उपन्यासकार विक्रम सेठ ने पुस्तक के कुछ अंश पढ़कर सुनाए।
विनोद मेहता का लखनवी अंदाज

विनोद मेहता का लखनवी अंदाज

गिरिलाल जैन के सुस्त युग के ठीक पहले शुरू होने वाले और अर्णब के स्वच्छंद युग में समाप्त होने वाले अपने कॅरियर में विनोद मेहता ने उल्लेखनीय कामयाबी पाई वह भारत की अंग्रेजी पत्रकारिता को एक हलकापन देने के साथ-साथ उसमें गंभीरता भी लाए।
तुम कहीं चहलकदमी पर निकले हो, नहीं?

तुम कहीं चहलकदमी पर निकले हो, नहीं?

राडिया टेप प्रकाशित करके विनोद मेहताने वही किया जो किसी अच्छे संपादक को करना चाहिए। राजनीतिज्ञों, पत्रकार/लॉबीस्टों और उनके कॉर्पोरेट प्रायोजकों के चल रहे समूह-सहवास की गंदी डायरियों को सार्वजनिक करके उन्होंने देश चला रही मित्र (माफिया) मंडली के क्लब नियमों को तोड़ दिया।
हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

विनोद मेहता की कई बातें जो उन्हें अन्य संपादकों से अलग करती थीं, उनमें सबसे बड़ी यह है कि वे लोकतंत्र में सिर्फ यकीन ही नहीं करते थे, उसे पत्रकारिता में भी पूरी तरह अपनाया हुआ था। संपादक के नाम पत्र कॉलम में अपने खिलाफ लिखी चिट्ठियों को भी वे जिस तरह तवज्जो देते थे, उसकी मिसाल शायद ही अन्यत्र मिले।
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