इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज हवाई अड्डे पर देउबा का स्वागत किया। सुषमा स्वराज का देउबा के स्वागत करने के लिये हवाई अड्डे पर जाना इस यात्रा के महत्व को दर्शाता है।
पिछले दिनों झारखंड की राजधानी रांची में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कुंदन पाहन ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया कि साल 2000 में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड के साथ उसने झुमरा पहाड़ पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने आज कहा कि नए संविधान में संशोधन नेपाली सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और मुद्दे के समाधान के लिए एक संघीय आयोग का जल्द गठन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी मधेसियों की मांगों को समाहित करने के लिए लचीला रूख बनाने की जरूरत है।
नेपाली मीडिया का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत द्वारा दक्षेस सम्मेलन में भाग नहीं लेने के फैसले के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी पाकिस्तान को करनी थी। काठमांडो पोस्ट की खबर के अनुसार, भारत द्वारा मौजूदा परिस्थितियों में 19वें दक्षेस सम्मेलन में भाग लेने में अक्षमता जताए जाने के बाद, इसे स्थगित कर दिया गया है।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड अगस्त में पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन की जगह भारत को चुना। प्रचंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 15 से 18 सितंबर तक भारत के दौरे पर होंगे। प्रचंड का अंदाज भी पहले के मुकाबले नरम है। लिहाजा यह यात्रा भारत-नेपाल संबंधों को लेकर काफी महत्वपूर्ण होगी।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा से पहले आज नेपाल ने साफ कर दिया है कि संविधान संशोधन का मुद्दा नेपाल का आंतरिक मामला है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को पूर्व में उपजे नाकेबंदी जैसे मसलों पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
नेपाल के शीर्ष माओवादी नेता प्रचंड ने प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। प्रधानमंत्री का चुनाव बुधवार को होना है और इससे देश में राजनीतिक स्थिरता आने की उम्मीद जताई जा रही है।
अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही नेपाल के प्रधानमंत्री पद से के पी ओली के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक संकट एक बार फिर गहरा गया है। ओली ने अविश्वास प्रस्ताव को देश को प्रयोगशाला में बदलने और नए संविधान को लागू करने में रोड़ा अटकाने की विदेशी ताकतों की साजिश करार दिया।
अफगानिस्तान में सोमवार को एक के बाद एक हुए कई बम धमाकों में 14 नेपाली सुरक्षाकर्मियों सहित 23 लोगों की मौत हो गई। अमेरिका द्वारा चरमपंथियों पर हमला करने अमेरिकी सेना के अधिकार बढ़ाए जाने के कुछ ही दिनों बाद ये हमले हुए हैं।