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Search Result : "नेपाली स्मृति शोध संस्थादन"

तिब्बत जरूर स्वतंत्र होगा – लोबसांग सांगे

तिब्बत जरूर स्वतंत्र होगा – लोबसांग सांगे

‘शक्तिशाली चीनी ताकत से तिब्बत अपने अहिंसात्मक संघर्ष के जरिए उसी तरह स्वतंत्र होकर रहेगा जैसे भारत, दक्षिण अफ्रीका आदि ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्र हो गए।’ यह बात तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांगे ने आचार्य कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘आचार्य कृपलानी स्मृति व्याख्यान’ में कही।
खुल गए पुस्तक मेले के दरवाजे

खुल गए पुस्तक मेले के दरवाजे

सबसे ज्यादा प्रतीक्षित कार्यक्रम का अवॉर्ड यदि पुस्तक मेले के नाम किया जाए तो भी गलत नहीं होगा। किसी भी पर्व-त्योहार से ज्यादा इस मेले को लेकर उल्लास रहता है। हर साल दिल्ली के प्रगति मैदान में लाखों की संख्या में पुस्तक प्रेमी जुटते हैं।
स्त्री और सृष्टि को रेखांकित करती कविताएं

स्त्री और सृष्टि को रेखांकित करती कविताएं

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के मलवाणा गांव में 26 जनवरी 1962 को किसान परिवार में जन्म। लेखन के साथ—साथ जन संगठनों में भागीदारी। हंस, वसुधा, समकालीन भारतीय साहित्य, वागर्थ, पाखी, बया, कथाक्रम, आधारशिला, विपाशा और अमर उजाला आदि में कहानियां प्रकाशित। कुछ कहानियों और कविताओं का अंग्रेजी, कन्नड़, मराठी और मलयालम में अनुवाद। आकाशवाणी और दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण। दो कहानी संग्रह बाणमूठ और पहाड़ पर धूप नाम से कहानी संग्रह प्रकाशित। हंस में प्रकाशित कहानी बाणमूठ पर वर्ष 2009 का प्रतिष्ठित रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार। बाणमूठ कहानी संग्रह पर 2012 का अखिल भारतीय सेतु साहित्य पुरस्कार। हिमाचली लोकनाट्य बांठड़ा पर पुस्तक प्रकाशित। कहानी बाणमूठ और मुट्ठी भर धूल पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा देश के विभिन्न शहरों में नाटकों का मंचन। मेघदूतम नाट्य अकादमी मुंबई की ओर से कहानी शापित गांव की प्रेम कथा का बिहार के सुपौल जिले में नाट्य मंचन।
रांची में रम गए साहित्यजन

रांची में रम गए साहित्यजन

अनिता रश्मि के लेखन में झारखंड की गंध और गहरी संवेदनशीलता है। ‘लाल छप्पा साड़ी’ से लेकर ‘बांसुरी की चीख’ तक उनके कथा लेखन में एक विकास यात्रा दिखती है। जाने-माने लेखक सी भास्कर राव अनिता रश्मि की लेखन यात्रा को इसी तरह देखते हैं।
विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

16 दिसंबर की शाम हिंदी भवन, दिल्ली में किताबघर प्रकाशन के संस्थापक पं. जगत राम आर्य के जन्मदिन पर कथाकार विवेक मिश्र को उनके उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ के लिए ‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान 2015’ प्रदान किया गया। यह सम्मान हर साल साहित्य की किसी एक विधा को प्रकाशन के संस्थापक श्री जगत राम आर्य की स्मृति में दिया जाता है। इस बार उपन्यास विधा की पांडुलिपियां आमंत्रित की गई थीं। तीन सदस्य के निर्णायक मंडल, असगर वजाहत, प्रताप सहगल तथा अखिलेश ने विवेक मिश्र के उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ को इस सम्मान के लिए चुना।
रोहतक सामूहिक दुष्कर्म के सात दोषियों को सजा-ए-मौत

रोहतक सामूहिक दुष्कर्म के सात दोषियों को सजा-ए-मौत

पिछले साल रोहतक के बहुअकबरपुर में एक नेपाली युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में स्‍थानीय अदालत ने सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। युवती का शव 4 फरवरी को बहुअकबरपुर के पास खेतों में क्षत-‌विक्षत अवस्‍था ‌में मिला था और उसके साथ नौ लोगों द्वारा बलात्कार की पुष्टि हुई थी। इन दोषियों में से एक ने आत्महत्या कर ली थी जबकि एक आरोपी नाबालिग है।
मोदी ने अंबेडकर की स्मृति में जारी किए सिक्के

मोदी ने अंबेडकर की स्मृति में जारी किए सिक्के

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की याद में 125 रूपये औैर 10 रूपये के स्मारक सिक्के जारी किए। आज बाबा साहेब अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस है। इस साल सरकार अंबेडकर की 125वीं जयंती भी मना रही है।
क्या रहस्‍यमय एक्स-फैक्टर है गंगाजल की खासियत?

क्या रहस्‍यमय एक्स-फैक्टर है गंगाजल की खासियत?

क्या गंगाजल को खास बनाने के पीछे इसमें मौजूद किसी विशेष एक्स फैक्टर का योगदान है? गंगा निश्चित तौर पर भारत की सबसे पवित्रतम नदियों में से एक है और अनंतकाल से इसके जल को इसके जादुई गुणों के लिए जाना जाता है। इसी खूबी के चलते यदि गंगाजल वर्षों तक रखा जाए, तो भी यह खराब नहीं होता। इसे इस नदी का आत्म-शोधन का गुण कहा जाता है। भारतीय वैज्ञानिक इसी रहस्‍य से पर्दा उठाने की कोशिश में जुटे हैं।
डीयू और चुनाव आयोग पेश करें स्मृति के शैक्षिक दस्तावेज: अदालत

डीयू और चुनाव आयोग पेश करें स्मृति के शैक्षिक दस्तावेज: अदालत

राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के शैक्षिक दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया है।
बच्चों को सीमा पर तैनात सैनिकों से मिलाएंः ईरानी

बच्चों को सीमा पर तैनात सैनिकों से मिलाएंः ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि बच्चों को सीमा पर तैनात सैनिकों से जाकर मिलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि उनमें इन सैनिकों की सेवाओं के प्रति एक बेहतर समभुा विकसित हो सके और साथ ही सैनिकों की सेवाओं के प्रति देश का आभार भी व्यक्त किया जा सके।
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