पांच नामांकनों और 23 साल बाद लियोनार्ड डीकैप्रियो ने आखिरकार ऑस्कर का खालीपन तोड़ते हुए द रेवेनैंट में भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अपने नाम कर लिया।
आमिर खान फिल्मी हस्ती हैं, अशोक वाजपेयी साहित्यकार हैं, सीताराम येचुरी या नीतीश कुमार अथवा राहुल गांधी प्रतिपक्षी नेता हैं, कई संपादक, प्रकाशक प्रतिकूल विचारों वाले हैं लेकिन अमर्त्य सेन तो भारत रत्न हैं। ‘आधुनिक भारत के नोबेल सम्मान प्राप्त अर्थशास्त्री और विचारक हैं। किसी राजनीतिक दल से कभी कोई रिश्ता नहीं रहा। अमेरिका और यूरोप में रहने के अलावा ‘कम्युनिस्ट ’ चोगा भी नहीं पहने हैं।
इसे वक्त की बेरुखी कहें या किस्मत का खेल, लेकिन शंघाई स्पेशल ओलंपिक में देश के लिए फख्र के लम्हे जुटाने वाला एक दिव्यांग एथलीट इन दिनों रोजी-रोटी के लिए मजदूरी करने को मजबूर है। लखनउ के हामिद ने 2007 में शंघाई में हुए स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स में 4 गुणा 100 मीटर रिले दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल कर देश का सिर गर्व से उंचा कर दिया था। लेकिन अफसोस कि इतनी बड़ी उपलब्धि भी उसकी किस्मत नहीं बदल सकी और आज वह अपने गुजर-बसर के लिए मजदूरी करने को बाध्य है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जीवन रक्षा पदक श्रृंखला-2015 पुरस्कार प्रदान करने की अऩुमति दे दी है। कुल 50 लोगों को ये पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें से 03 सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, 09 उत्तम जीवन रक्षा पदक और 38 जीवन रक्षा पदक तथा 09 पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किये जायेंगे।
देश की विभिन्न हस्तियों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा हो गई है। दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत, रिलायंस समूह के संस्थापक दिवंगत धीरूभाई अंबानी, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और मीडिया कारोबारी रामोजी राव को देश के दूसरे सबसे उंचे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए चुना गया है।
स्वास्थ्य के अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के चुनिंदा 43 वैज्ञानिकों को आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सभागार में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के लिए अब भारत और दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई तेज करना तथा अपने जीवनकाल में बाल दासता को समाप्त कर देना मिशन बन गया है।
गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।