भारतीय-अमेरिकी छात्रों का दबदबा प्रतिष्ठित नेशनल बी प्रतियोगिताओं में कायम है। इस साल नेशनल जियोग्राफिक बी चैंपियनशिप के अंतिम 10 प्रतिभागियों में से सात भारतीय-अमेरिकी हैं।
जर्मनी में अंधेरी-हिल्फे संगठन की 90 वर्षीय संस्थापक रोजी गोलमान को वर्ल्ड्स चिल्ड्रेन्स प्राइज के लिए नामांकित किया गया है। लाखों बच्चे मिलकर इस पुरस्कार के विजेता का चुनाव करेंगे जिसे पूरी दुनिया की मीडिया द्वारा चिल्ड्रेंस नोबल प्राइज कहा जाता है।
राजद्रोह मामले को लेकर जेएनयू छात्रों की आलोचना कर चुके बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने आज सवाल किया कि देश के बारे में गलत बोलने वाले व्यक्ति का इस तरह से स्वागत कैसे किया जा सकता है जैसे वह ओलंपिक पदक विजेता हो।
आमिर खान फिल्मी हस्ती हैं, अशोक वाजपेयी साहित्यकार हैं, सीताराम येचुरी या नीतीश कुमार अथवा राहुल गांधी प्रतिपक्षी नेता हैं, कई संपादक, प्रकाशक प्रतिकूल विचारों वाले हैं लेकिन अमर्त्य सेन तो भारत रत्न हैं। ‘आधुनिक भारत के नोबेल सम्मान प्राप्त अर्थशास्त्री और विचारक हैं। किसी राजनीतिक दल से कभी कोई रिश्ता नहीं रहा। अमेरिका और यूरोप में रहने के अलावा ‘कम्युनिस्ट ’ चोगा भी नहीं पहने हैं।
इसे वक्त की बेरुखी कहें या किस्मत का खेल, लेकिन शंघाई स्पेशल ओलंपिक में देश के लिए फख्र के लम्हे जुटाने वाला एक दिव्यांग एथलीट इन दिनों रोजी-रोटी के लिए मजदूरी करने को मजबूर है। लखनउ के हामिद ने 2007 में शंघाई में हुए स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स में 4 गुणा 100 मीटर रिले दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल कर देश का सिर गर्व से उंचा कर दिया था। लेकिन अफसोस कि इतनी बड़ी उपलब्धि भी उसकी किस्मत नहीं बदल सकी और आज वह अपने गुजर-बसर के लिए मजदूरी करने को बाध्य है।
भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार को पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी सहित राज्य के विश्व कप विजेता (1983) और (2011) खिलाडि़यों को फिरोजशाह कोटला मैदान के अंदर सम्मानित करने की दिल्ली सरकार को स्वीकृति नहीं दी। बीसीसीआई ने कहा कि इस समारोह के कारण नियमों का उल्लंघन हो सकता है।
मैं अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिए जाने वाले स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार, 2015 से पुरस्कृत किए जाने को लेकर रोमांचित हूं। मैं इसे लेकर ज्यादा रोमांचित हूं कि नोबेल समिति ने भारत पर किए गए मेरे और मेरे सहयोगियों के कार्य को रेखांकित किया है।
वर्ष 2015 का नोबेल शांति पुरस्कार किसी व्यक्ति को न देकर ट्यूनिशिया के नेशनल डायलॉग क्वार्टेट (राष्ट्रीय संवाद चतुष्टक) को देने की घोषणा की गई है। वर्ष 2011 में ट्यूनिशिया में हुई जैसमिन क्रांति के बाद देश में बहुलवादी लोकतंत्र की स्थापना में इस डायलॉग क्वार्टेट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
वर्ष 2015 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार बेलारूस की लेखिका श्वेतलाना एलेक्सिविच को देने की घोषणा की गई है। हमारे वक्त में अपने बहुस्वरीय लेखन के जरिये व्यथा एवं साहस को ध्वनित करने के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जाएगा।