सुप्रीम कोर्ट में याकूब मेमन की क्यूरेटिव याचिका रद्द करने और मृत्यु वारंट बहाल रखने के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर और आम गपशप में यह सवाल भी उठया जा रहा है कि कहीं पंजाब के आतंकी हमले से अदालत की राय तो प्रभावित नहीं हुई। हालांकि आमतौर पर माना जाता है कि सुप्रीम कोर्ट हमेशा अपने तर्क और विवेक के आधार पर फैसले देता है।
दिल्ली में मुख्यमंत्री-उपराज्यपाल के बीच बढ़ते टकराव को अहम का मामला बताते हुए आप के निष्कासित नेता योगेंद्र यादव ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वास्तविक मुद्दों से बेहद अपरिपक्व तरीके से निपटने के लिए निशाना साधा।
यकीन करना आसान नहीं हैं। ये तीसेक साल से कुछ ज्यादा के नौजवान हैं, जिन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्छी नौकरी हासिल भी की और फिर छोड़ भी दी। खुद का कारोबार शुरू किया और कामयाब भी हो गए। आज ये तेजी से बढ़ती ई-कॉमर्स कंपनी के मालिक हैं। मैंने पूछा मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू करते हुए असफलता का डर नहीं लगा? आर्थिक दिक्कतें नहीं आईं? जवाब देखिए, ज्यादा से ज्यादा क्या होता वापस नौकरी करनी पड़ती। इतनी पढ़ाई और काम करने के बाद इतना भराेसा तो था कि भूखे मरने वाले नहीं हैं। इसलिए ज्यादा फ्रिक नहीं हुई।
मुंबई में एक मुसलमान एमबीए युवक जीशान खान को हीरे का निर्यात करने वाली कंपनी हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स द्वारा मुस्लिम होने की वजह से नौकरी न दिए जाने पर मचे हंगामे के बीच एक दिलचस्प खबर यह है कि जीशान को एक रेडियो स्टेशन ने रेडियो प्रस्तोता या कहें रेडियो जॉकी की नौकरी का प्रस्ताव दिया है।
मदर्स डे पर कराए गए एक सर्वेक्षण में खास बात सामने आई है। भारत के कई बड़े शहरों में एसोचैम द्वारा कराए गए सर्वे से यह बात निकल कर आई है कि बच्चे की किलकारी पर मां करिअर कुर्बान कर देती है। अच्छी पद, प्रतिष्ठा और पैसे वाली नौकरी भी उन्हें बच्चों की परवरिश और उसकी देखभाल के कर्तव्य से डिगा नहीं पाती है।
अमेरिका में नौकरी करना विकासशील देशों के युवाओं का सबसे सुहाना सपना होता है और इस सपने को पूरा करने के लिए अमेरिकी सरकार इन युवाओं को एच-1बी वीजा जारी करती है जिनके जरिये अल्पकाल के लिए अमेरिका में नौकरी का मौका मिलता है।
अब दिल्ली दूर अस्त नहीं। आम आदमी पार्टी की दिल्ली फतह का अंजाम क्या होगा? इसका कितना असर पड़ेगा देश की सियासत पर, आर्थिक नीतियों के तौर-तरीकों पर शासन की नीति पर ? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली केंद्रीय बजट को अंतिम रूप देने से पहले दिल्ली विधानसभा चुनावों से निकले आम आदमी के जिन्न से प्रभावित होंगे ?