Advertisement

Search Result : "न्यायिक मानक एवं जवाबदेही विधेयक"

जीएसटी में देरी की वजहें दूसरी : जेटली

जीएसटी में देरी की वजहें दूसरी : जेटली

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के संसद के चालू सत्र में पारित नहीं होने की संभावना की ओर संकेत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि विधेयक में देरी दूसरे कारणों से कराई जा रही है। मंत्री ने हालांकि, कहा कि सरकार बुधवार को समाप्त हो रहे शीतकालीन सत्र के आखिरी तीन दिन में राज्यसभा में सुधार संबंधी अन्य विधेयकों को आगे बढ़ाएगी। इन विधेयकों में मध्यस्थता एवं आपसी सहमति अधिनियम में संशोधन शामिल है जो वाणिज्यिक अदालतों और दिवालियापन से जुड़ी संहिता के गठन से जुड़ा है।
जीएसटी विधेयक के लिए नहीं राजी हुए सभी दल

जीएसटी विधेयक के लिए नहीं राजी हुए सभी दल

राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जीएसटी विधेयक को पारित कराने को लेकर सभी दल राजी नहीं हुए। लेकिन उच्च सदन के सदस्यों ने सत्र के शेष तीन दिन के दौरान छह विधेयकों को पारित कराने का निर्णय किया।
शुक्रवार को पेश होंगे एक दर्जन से अधिक विधेयक

शुक्रवार को पेश होंगे एक दर्जन से अधिक विधेयक

संसद में हंगामा जारी है लेकिन इस हंगामे के बीच भी एक दर्जन से अधिक निजी विधेयक पेश किए जाएंगे। इन विधेयकों में गुड एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की चर्चा नहीं है। जीएसटी का मामला फिर लटक गया है।
अब बजट सत्र में ही आ पाएगा जीएसटी विधेयक

अब बजट सत्र में ही आ पाएगा जीएसटी विधेयक

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर कांग्रेस की उदासीनता को देखते हुए संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकेया नायडू ने मंगलवार की शाम इस मुद‍्दे पर चर्चा के लिए आखिरी बैठक बुलाई थी लेकिन अब लगता है कि सरकार एक अप्रैल से इस कानून को लागू में असमर्थ ही नजर आ रही है।
अब शायद हम वही फैसले करें जो लागू कर सकेंगेः जेटली

अब शायद हम वही फैसले करें जो लागू कर सकेंगेः जेटली

राज्यसभा को विपक्ष द्वारा लगातार बाधित करने से नाराज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि आने वाले दिना में सरकार शायद सिर्फ वही फैसले कर जो वह कार्यपालक आदेश द्वारा लागू कर सकती है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया‌ कि राज्यसभा को बाधित कर वह भविष्य में विपक्ष के लिए राह तैयार कर रही है और एक गलत मिसाल कायम कर रही है।
ट्रांसजेंडरों का सवालः जननांग वालों के ही होते हैं हक?

ट्रांसजेंडरों का सवालः जननांग वालों के ही होते हैं हक?

अभी तक वे अधिकार जो समानता देते हैं और मानवाधिकारों को महफूज करते हैं वे महिलाओं और पुरुषों के लिए हैं। उनमें ट्रांसजेंडर कम शामिल हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की नालसा जजमेंट के तहत इनके अधिकार परिभाषित किए गए थे लेकिन इनके अनुसार सब कागजों में हैं। वर्ष 2014 में ट्रांसजेंडर्स के अधिकार सुनिश्चित करता एक निजी बिल भी राज्यसभा में पेश किया था। यह बिल डीएमके के राज्यसभा सदस्य तिरुचि सिवा ने पेश किया था। राज्यसभा ने इसे पारित भी कर दिया था। अब यह बिल लोकसभा में पेश होना है लेकिन ट्रांसजेंडर समुदाय इसके खिलाफ है। कर्नाटक ट्रांसजेंडर समिति के बैनर तले इस बिल के मौजूदा रूप की मुखालफत हो रही है।
पढ़ाई के लिए ब्रिटेन जाना प्रतिभा पलायन नहीं: ब्रिटिश मंत्री

पढ़ाई के लिए ब्रिटेन जाना प्रतिभा पलायन नहीं: ब्रिटिश मंत्री

यूरोप जहां प्रवासियों के मुद्दे से जूझ रहा है वहीं ब्रिटेन के विज्ञान एवं विश्वविद्यालय मंत्री जो जॉन्सन ने ब्रिटेन में अध्ययन और कार्य करने के लिए भारतीयों का स्वागत किया है। शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के लिए वर्ष 2016 को ब्रिटेन-भारत वर्ष घोषित करने के उद्देश्य से भारत यात्रा पर आए ब्रिटिश मंत्री जॉन्सन ने पल्लव बाग्ला को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि शिक्षा के लिए ब्रिटेन जाना ब्रेन गेन (प्रतिभा विकास) है न कि ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन)।
मुंबई हमले के 7 साल बाद भारत-पाक समग्र वार्ता को तैयार

मुंबई हमले के 7 साल बाद भारत-पाक समग्र वार्ता को तैयार

26/11 के मुंबई हमलों के सात साल बाद भारत और पाकिस्‍तान के बीच गतिरोध खत्‍म हुआ है और दोनों देश व्‍यवस्थित तरीके से बातचीत को तैयार हो गए हैं। हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन के लिए पाकिस्‍तान गईं विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने बताया कि दोनों देशों ने समग्र वार्ता शुरू करने का फैसला ले लिया है। इस घटनाक्रम को सुषमा स्‍वराज की पाकिस्‍तान यात्रा की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। अगले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सार्क सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने पाकिस्‍तान जाएंगे।
‘मंदिरों, वक्फ की संपत्ति समाज कल्याण में लगाओ’

‘मंदिरों, वक्फ की संपत्ति समाज कल्याण में लगाओ’

लोकसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने मांग की कि देश के मंदिरों, वक्फ बोर्डों और विभिन्न ट्रस्टों के पास पड़ी हजारों करोड़ की संपदा का इस्तेमाल समाज कल्याण योजनाओं में किया जाय। यही नहीं सरकार ट्रस्टों समेत देश में कार्यरत एनजीओ सेक्टर की लगातार निगरानी सुनिश्चित करे।
Advertisement
Advertisement
Advertisement