लद्दाख की बर्फीली ऊंचाइयों पर नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुस आए चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच गतिरोध अब भी कायम है। बुधवार को पिपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे और मनरेगा योजना के तहत किए जा रहे सिंचाई नहर के निर्माण कार्य को रोक दिया था।
जल्द ही लोग सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के स्तर के बारे में जान सकेंगे। दरअसल, पहली बार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) 25 संगठनों में रिश्वत के बारे में विचार जुटाने के लिए एक जन धारणा सूचकांक (पब्लिक परसेप्शन इंडेक्स) लाने जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार की शाम वाराणसी के दौरे पर पहुंचने वाले हैं जहां वह 51,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 1500 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन समेत कई परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर मंदिरों की इस प्राचीन नगरी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
उत्तरप्रदेश समेत कुछ राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले लक्षित हमले के मुद्दे को जीवंत बनाए रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जब नियंत्रण रेखा के पार जाकर सेना ने आतंकवादियों के शिविरों को नष्ट किया था तब लोगों ने छोटी दिवाली मनाई थी। साथ ही उन्होंने देशवासियों से सुरक्षा बलों के पराक्रम को नहीं भूलने को कहा।
पतंजलि समूह के बडे़ पैमाने पर वस्त्र निर्माण क्षेत्र में उतरने की घोषणा करते हुए इसके प्रवर्तक योग गुरू रामदेव ने आज दावा किया कि अगले वित्तीय वर्ष में इस समूह के कारोबार में 200 प्रतिशत की भारी वृद्धि होगी।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने ललितपुर रेलवे स्टेशन पर खजुराहो पैसेंजर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गौर हो कि यह वही ट्रेन है, जिसे 26 अप्रैल 2013 को केंद्रीय राज्यमंत्री प्रदीप जैन ने ललितपुर में ही हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। हालांकि इस बार ट्रेन की पट्टी बदल दी गई है।
दिल्ली की एक संस्था ने देश में रोजगारों के अवसर पर किए गए अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि साल 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे। अध्ययन में कहा गया है कि ऐसा नए रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं होने औप पूराने अवसरों के समाप्त होते जाने की वजह से होगा।
देश के मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू कश्मीर के हिंदू बहुल जम्मू क्षेत्र में विजय दशमी की तैयारियां उत्तर प्रदेश के एक मुस्लिम परिवार के बिना पूरी नहीं होतीं। यह परिवार पर्व के एक महिने पहले पहुंचकर पुतले बनाने के काम में लग जाता है जिन्हें जम्मू के अलावा दूरस्थ क्षेत्रों के पंडालों में भी लगाने के लिए पूजा समितियां ले जाती हैं।