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Search Result : "परमाणु कारोबार क्‍लब"

हिरोशिमा और सुरक्षित दुनिया के आश्‍वासन के 70 साल

हिरोशिमा और सुरक्षित दुनिया के आश्‍वासन के 70 साल

जापान पर नृशंस परमाणु बमबारी के सत्तर साल आज पूरे हुए। 6 और 9 अगस्त 1945 को जो डेढ़ से दो लाख नागरिक हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका के गिराए बमों से तत्काल मारे गए, शायद एक मायने में उनसे ज्यादा उन्होंने झेला जो जिंदा रह गए। एक खास बात जो इस पीढ़ी और अणुबम-जनित बीमारियों को झेलती बाद की पीढ़ियों में देखी गई वो यह कि उनमें किसी बदले की भावना की जगह दुनिया को परमाणु मुक्त बनाने की आकांक्षा ने ले ली, क्योंकि मानवीय हिंसा के इस सर्वाधिक संहारक हथियार के बाद शायद अब वापस ही लौटा जा सकता था।
ईरान समझौते पर अमेरिका में घमासान

ईरान समझौते पर अमेरिका में घमासान

ईरान पर प्रतिबंध हटाने को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने जो समझौता किया है उसे लेकर खुद अमेरिका में ही घमासान मचा हुआ है। राष्ट्रपति बराक ओबामा जहां डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रनिनिधित्व करते हैं वहीं अमेरिकी सीनेट और कांग्रेस में उनके विरोधी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का दबदबा है और यह पार्टी ईरान समझौते से नाखुश बताई जा रही है।
भारत का रक्षा मंत्री हूं, पाकिस्‍तान का नहीं: पर्रिकर

भारत का रक्षा मंत्री हूं, पाकिस्‍तान का नहीं: पर्रिकर

पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री के परमाणु बम संबंधी बयान पर टिप्‍पणी से इन्‍कार करते हुए मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि वह भारत के रक्षा मंत्री हैं, पाकिस्‍तान के नहीं। उन्‍होंने इतना जरूर कहा कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है।
यहां तो भारत ने अमेरिका को पछाड़ दिया

यहां तो भारत ने अमेरिका को पछाड़ दिया

भारत ने इस्पात उत्पादन के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है और इस मामले में पूरी दुनिया में तीसरे स्थान पर आ गया है। केंद्रीय इस्पात व खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
लगातार छठे महीने गिरा निर्यात, मई में 20% गिरावट

लगातार छठे महीने गिरा निर्यात, मई में 20% गिरावट

देश के निर्यात में मई में भी गिरावट रही और यह एक साल पहले इसी माह की तुलना में 20.19 प्रतिशत गिरकर 22.34 अरब डॉलर रह गया। यह लगातार छठा महीना है जबकि निर्यात संकुचित हुआ। निर्यात में गिरावट मुख्य तौर पर वैश्विक नरमी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण है। तेल के दाम गिरने से पेट्रोलियम उत्पादों की निर्यात आय प्रभावित हुई है।
नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

यकीन करना आसान नहीं हैं। ये तीसेक साल से कुछ ज्‍यादा के नौजवान हैं, जिन्‍होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्‍छी नौकरी हासिल भी की और फिर छोड़ भी दी। खुद का कारोबार शुरू किया और कामयाब भी हो गए। आज ये तेजी से बढ़ती ई-कॉमर्स कंपनी के मालिक हैं। मैंने पूछा मल्‍टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू करते हुए असफलता का डर नहीं लगा? आर्थिक दिक्‍कतें नहीं आईं? जवाब देखिए, ज्‍यादा से ज्‍यादा क्‍या होता वापस नौकरी करनी पड़ती। इतनी पढ़ाई और काम करने के बाद इतना भराेसा तो था कि भूखे मरने वाले नहीं हैं। इसलिए ज्‍यादा फ्रिक नहीं हुई।
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