पिछले साल शुरू हुए किसान चैनल पर सियासत का साया पड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस चैनल के एडवाइजर नरेश सिरोही को बिना कारण बताए तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया गया है।
सूफी रॉक बैंड जुनून से 1990 के दशक में मशहूर हुए पाकिस्तानी गायक-गिटार वादक सलमान अहमद का कहना है कि सीमा पर लगी कांटेदार बाड़ों के पार भी संगीत में अकूत ताकत है और कोई बाधा इसे रोक नहीं सकती है। 90 दशक में पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु संलयन के बजाय सांस्कृतिक मेल-मिलाप की वकालत करने के लिए इस पाकिस्तानी गायक पर गद्दार का ठप्पा लगा था।
केंद्र सरकार की नई विज्ञापन नीति की गाज छोटे-मध्यम अखबारों पर गिर रही है। अगर इनकी आवाज अनसुनी की गई तो इनका बंद होना तय है। नतीजा यह होगा कि स्थानीय-सामाजिक मुद्दे उठाने वाले इन अखबारों के दफ्तरों पर ताला जड़ जाएगा और इस कारोबार से जुड़े लाखों लोग बेरोजगारी की दहलीज पर आ जाएंगे।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने दावा किया है कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत का प्रवेश पाकिस्तान की गहन कूटनीतिक लॉबिंग की वजह से रूका। अजीज के अनुसार इसके लिए शरीफ ने निजी तौर पर अपने 17 समकक्षों को पत्र भी लिखे।
अमेरिका इस बात से निराश है कि हाल ही में एनएसजी की सियोल में हुई पूर्ण बैठक के दौरान भारत को उसकी सदस्यता नहीं दी गई। भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने सोमवार को यह बात कही लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका भारत को 48 सदस्यीय इस समूह की सदस्यता दिलाने के लिए प्रयास जारी रखेगा।
भारत सहित परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों की सदस्यता पर चर्चा के लिए परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की एक बार फिर बैठक हो सकती है। इस बीच, भारत ने रविवार को चीन को स्पष्ट कर दिया कि द्विपक्षीय संबंधों में आगे बढ़ने के लिए भारत के हितों का ख्याल रखना जरूरी है।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक और परमाणु उर्जा आयोग (एईसी) के सदस्य एम आर श्रीनिवासन ने शनिवार को कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के मुद्दे पर केंद्र का जोर देना अनावश्यक, अवांछित और गलत सलाह पर उठाया गया कदम था। शुक्रवार को भारत की 48 सदस्यीय समूह की सदस्यता हासिल करने की कई दिनों से जारी कोशिश नाकाम हो गई थी।
सियोल में शीर्षस्तर की बातचीत खतम हो चुकी है। बैठक के नतीजे की अौपचारिक घोषणा होना बाकी है। सदस्यता पर भारत की संभावना धूमिल हो गर्इ हैं। अड़ियल चीन अंत तक भारत के विरोध में कायम रहा। उसने आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के प्रवेश पर समर्थन देने से साफ इनकार किया है। हालांकि ग्रुप के 48 देशों मेंं से 47 देशों ने अपनी सहमति दे दी है। लेकिन इससे भारत को कोई विशेष फायदा नहीं हुआ। चीन का कहना है कि एनएसजी के नियमों का पालन किए बिना वह भारत के प्रवेश का समर्थन नहीं करेगा।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने गुरुवार को ताशकंद पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए समर्थन मांगा। प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि सियोल में चल रहे एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन के समक्ष पेश भारत के आवेदन का निष्पक्ष और उद्देश्यपरक मूल्यांकन किया जाए।