‘जवाबदेही यात्रा जवाब पूछे रे, बोलों क्यूं नि रे?’ यह बोल उस गीत के हैं जो एक अनूठी यात्रा के तहत गाया जा रहा है। इन दिनों राजस्थान में सूचना एवं रोजगार का अधिकार अभियान के बैनर तले यह यात्रा निकाली जा रही है। गीतों के जरिये सरकार से सवाल किए जा रहे हैं। जवाबदेही मांगी जा रही है। इस यात्रा का सरकार से सवाल है कि वह बनी तो जनता के लिए है लेकिन सही तरीके से काम नहीं होने की वजह से जवाबदेही तय क्यूं नहीं करती।
उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण के दावे से उपजे तनाव के बीच अमेरिका के बी-52 बमवर्षक विमानों ने उत्तर कोरियाई सीमा के निकट दक्षिण कोरिया में उड़ान भरी। इस सैन्य शक्ति प्रदर्शन में दक्षिण कोरिया के एफ-15 विमान भी शामिल थे।
पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइल के परीक्षण का टीवी फुटेज दिखाते हुए और अपने ताजा परमाणु परीक्षण का बचाव करते हुए उत्तर कोरिया ने पश्चिम एशिया के दो देशों में सत्ता से हटाए गए दो नेताओं का हवाला दिया है।
उत्तर कोरिया ने बुधवार को विश्व के शक्तिशाली देशों की चिंता बढ़ाते हुए अपने पहले हाइड्रोजन बम का सफलतापूर्वक परीक्षण करने का दावा किया है। उत्तर कोरिया के इस दावे के बाद अमेरिका और जापान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। माना जा रहा है कि अगर उत्तर कोरिया का दावा सही है तो यह उसके परमाणु विकास की दिशा में एक चौंकाने वाला कदम होगा। उत्तर कोरिया के इस कदम से चिंतित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई।
भारत के परमाणु कार्यक्रमों के खिलाफ परमाणु रिएक्टर के खराब डिजाइन और खराब सुरक्षा तंत्र के गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख शेखर बसु ने यह कहते हुए इन आरोपों को नकार दिया कि यह देश के विकास को रोकने या विलंबित करने का 'सोचा-समझा एजेंडा' है।
रूस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से मुलाकात की। मोदी सालाना भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में पहले से ही गहरे संबंधों को और मजबूती प्रदान करने पर जोर दिया गया।
संसद सत्र के अंतिम दिन परमाणु ऊर्जा (संशोधन) विधेयक सहित तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि परमाणु उर्जा के क्षेत्र में बनायी जाने वाली संयुक्त उद्यम कंपनी में 49 प्रतिशत तक की भागीदारी केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की होगी।
क्रयशक्ति के आधार पर दिल्ली में रहने वालों के लिए एपल का आईफोन6 खरीदने का मतलब है कुल 360 घंटे की कमाई जेब से निकालना जबकि ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड) में रहने वाले औसतन 20 घंटे की मेहनत से ही इस फोन को खरीद सकते हैं।