संगीत नाटक अकादमी लंबे समय बाद फिर सक्रिय हो गई है। पिछले दिनों अकादमी में बेगम अख्तर की जन्मशती वर्ष पूरे होने के अवसर पर नामी कलाकारों के कार्यक्रम कराए।
कभी संजीदगी, कभी खिलखिलाहट और कभी आंखों से बहते हुए आंसू। कलाकारों की बांसुरी और उनकी आवाज से अपने नगमों को सुनकर नामचीन गीतकार संतोष आनंद के चेहरे पर कई भाव आ और जा रहे थे। पूरी महफिल उन्हें खुश होते देखकर खुश होती थी और उन्हें गमगीन देखकर रो पडती, लेकिन सबको खुशी इस बात की थी कि ठीक एक साल पहले अपने बेटे और बहू की असामयिक मौत के गम को पीछे छोड़ते हुए वह अपनी जिंदगी में आगे की ओर बढ़े रहे हैं।
एक तरफ गृह मंत्री राजनाथ सिंह दादरी कांड को राजनीतिक रंग न देने पर जोर दे रहे हैं जबकि दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के विधायक और मुजफ्फरनंगर दंगों में आरोपी रहे ठाकुर संगीत सोम ने दादरी पहुंचकर माहौल गरमा दिया। संगीत सोम ने एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा है कि गौहत्या करने वालों को यूपी सरकार हवाई जहाज से लखनऊ बुला रही है।
दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोहत्या की अफवाह के बाद एक व्यक्ति की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजनीतिक दलों के नुमाइंदों के दादरी पहुंचने से जहां कानून-व्यवस्था पर असर पड़ रहा है वहीं इसको लेकर सियासत गरम हो गई है। मामले की गंभीरता और लोगों को उग्र होते देख प्रशासन ने धारा 144 लगा दिया है। बताया जा रहा है कि एसडीएम ने पीड़ित को धमकाया भी है।
रवीन्द्र संगीत के शौकीन और किसी वक्त में इसे सीखने वाले मलय घोष को अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि संगीत की यह शिक्षा एक दिन उनके लिए रोजी-रोटी का जरिया बनेगी।
भाषा संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास की स्मृति में वृंदावन में आयोजित किया जाने वाला संगीत और नृत्य समारोह इस साल 20 और 21 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। समारोह में हर साल की तरह इस साल भी कई नामचीन हस्तियां शिरकत करेंगी।
पिछले साल भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता में क्या आई 1990 के दशक के मजहबी और जातिगत टकराव के गड़े मुर्दे मानो फिर से उखाड़े जाने लगे। एक तरफ जनगणना में धार्मिक समुदायों की जनसंख्या वृद्धि के चुनिंदा आंकड़े पूर्वाग्रह के रंग में रंगकर धीरे-धीरे सामाजिक और मुख्यधारा मीडिया में टपकाए जाने लगे और दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल और उसके परिवार के तरह-तरह के गेरुआधारी ‘पूतों फलों’ और ‘घर वापसी’ के भड़काऊ भाषणों के जरिये बहुसंख्यक समुदाय का भयादोहन कर अल्पसंख्यकों के विरुद्ध उन्माद पैदा करने की कोशिश करने लगे। नतीजतन देश में कई जगह अल्प तीव्रता वाले सांप्रदायिक उपद्रव होने लग गए, खासकर उन राज्यों में जहां विपक्ष की सरकारें थीं और आगे चुनाव होने थे।
जाने-माने संगीतकार एमएस विश्वनाथन का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने लगभग 1000 से ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर विश्वनाथन को चेन्नई में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में चार बेटे और तीन बेटियां हैं।
यूं तो बार्सिलोना के गायक एंटोनियो ओरोज्को जब भी स्टेज पर आते हैं, सूट-बूट में होते हैं। लेकिन यह स्पेनिश गायक इस बार अलग तरह की पोशाक में थे। यह खास पोशाक उन्होंने खास कार्यक्रम के लिए पहनी थी। उनके श्रोता भी खास थे। यह कार्यक्रम एक आइवीएफ क्लीनिक में हुआ।
बेटी बचाओ के जज्बे के साथ बरखा बहार नाम से एक संगीतमय समारोह का आयोजन नंदिनी फाउंडेशन और पीपल फर्स्ट की ओर से दिल्ली के मुक्तधारा ऑडिटोरियम में किया गया। समारोह में गायिका मंदाकिनी बोरा के सावन पर गाए गीतों और सुफियाना गीतों ने लोगों को झूमने और तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। लोक गायिका पूजा झा के गीत भी लोगों को खूब पसंद आए।