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भड़काऊ भाषण मामले में कठेरिया को राजनाथ की क्लीन चिट

भड़काऊ भाषण मामले में कठेरिया को राजनाथ की क्लीन चिट

केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया के पिछले दिनों आगरा में एक सभा के दौरान दिए गए द्वेषपूर्ण और भड़काउ भाषण को लेकर विपक्ष द्वारा कड़ी आपत्ति जताने और उन्हें गिरफ्तार कर मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग किए जाने के बीच केन्द्र ने आज इन सारे आरोपों को नकार दिया। सरकार ने कहा कि कठेरिया के भाषण में किसी संप्रदाय के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात नहीं पाई गई।
पाक को दो टूक, 'आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई पहली प्राथमिकता'

पाक को दो टूक, 'आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई पहली प्राथमिकता'

भारत-पाक वार्ता के संबंध में भारत ने संकेत दिया है कि पठानकोट हमले की पृष्ठभूमि में वार्ताओं से ज्यादा प्राथमिकता पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को दी जाएगी। पठानकोट हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ताएं स्थगित हो गई थीं।
कन्हैया की गिरफ्तारी पर जेएनयू में एकत्र हुए वाम और कांग्रेस नेता

कन्हैया की गिरफ्तारी पर जेएनयू में एकत्र हुए वाम और कांग्रेस नेता

जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के आरोप में छात्र संघ अध्यक्ष को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में आयोजित एक विरोध सभा में विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा सचिव डी राजा के अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए जेएनयू परिसर पहुंचे। विरोध में हिस्सा लेकर नेताओं ने छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग की। इस बीच, सरकार ने जोर देकर कहा कि इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी को देशद्रोही गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने दिया जा सकता।
अप्रत्यक्ष कर संग्रह से पहली बार बजटीय लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद

अप्रत्यक्ष कर संग्रह से पहली बार बजटीय लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से करीब 40,000 करोड़ रुपये अधिक हो सकता है जिससे सरकार को पिछले पांच साल में पहली बार राजस्व संग्रह का बजटीय लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बुधवार को कहा कि इससे प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी की भरपाई हो जाएगी।
देशभगत यादगार हॉल में सहेजी गई हैं इंकलाब के दीवानों की यादें

देशभगत यादगार हॉल में सहेजी गई हैं इंकलाब के दीवानों की यादें

देश को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराने के लिए चलाए गए गदर और अन्य आंदोलनों के भूले बिसरे शहीदों की तस्वीरों का अनोखा और एकमात्र संग्रहालय है देशभगत यादगार हॉल। जालंधर स्थित इस संग्रहालय में क्रांतिकारियों की तकरीबन 300 से अधिक तस्वीरों और पेंटिंगों को प्रदर्शित किया गया है।
रजत कपूर की पहली फिल्म का प्रदर्शन

रजत कपूर की पहली फिल्म का प्रदर्शन

अच्छी फिल्मों का जादू हमेशा बरकरार रहता है। कुछ फिल्में बनती हैं और दर्शकों तक पहुंच नहीं पातीं। ऐसी अच्छी फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है, दृश्यम फिल्म्स के बैनर तले द मास्टर्स ने।
शिंगणापुर ग्राम सभा ने भूमाता ब्रिगेड के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव

शिंगणापुर ग्राम सभा ने भूमाता ब्रिगेड के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव

अहमदनगर के शनि शिंगणापुर मंदिर स्थित पवित्र चबूतरे पर महिलाओं के प्रवेश पर रोक की सदियों पुरानी परंपरा तोड़ने की कोशिश को पुलिस द्वारा विफल किये जाने के एक दिन बाद ग्राम सभा ने भूमाता ब्रिगेड और उसके कार्यकर्ताओं की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है।
चर्चा: गणतंत्र की रोशनी पर बादल | आलोक मेहता

चर्चा: गणतंत्र की रोशनी पर बादल | आलोक मेहता

भारत में सूरज की पहली किरण अरुणाचल प्रदेश में दिखती है। अरुणाचल और सात पूर्वोत्तर राज्यों की सुंदरता, भोली-भाली जनता की मधुरता, शौर्य और संस्कृति की शक्ति भारत का गौरव बढ़ाती है। सुदूर अरुणाचल प्रदेश में हिंदी का पठन-पाठन और प्रयोग सबको प्रभावित करता है। अपराध संभवतः दुनिया में सबसे कम और जेल केवल प्रादेशिक व्यवस्‍था की दृष्टि से बने और कभी नहीं भरे।
सेंसेक्स 20 माह में पहली बार 24 हजार के नीचे, रुपया भी 68 पार

सेंसेक्स 20 माह में पहली बार 24 हजार के नीचे, रुपया भी 68 पार

अर्थव्‍यवस्‍था से जुड़े दो मोर्चों पर सरकार की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। बिकवाली दबाव के चलते बंबई शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है और बृहस्‍पतिवार को सेंसेक्‍स लुढ़क कर 20 महीने में पहली बार 24000 अंक के नीचे बंद हुआ जबकि डॉलर के मुकाबले रुपया 29 माह के निम्न स्तर 68.02 रुपये पर बंद हुआ। कमजोर रुपया विदेश में पढ़ाई लिखाई से लेकर घूमने-फिरने और आयात होने वाली चीजों की महंगाई बढ़ाएगा।
चर्चाः उच्च सदन, ऊंचे पद, काम अधूरे | आलोक मेहता

चर्चाः उच्च सदन, ऊंचे पद, काम अधूरे | आलोक मेहता

प्रसिद्ध पत्रकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुलदीप नायर ने बहुत पहले यह कानूनी लड़ाई लड़ी थी कि संसद के उच्च सदन में मूलतः संबंधित प्रदेश के नेता को ही चुने जाने का प्रावधान हो। श्री नायर यह लड़ाई जीत नहीं सके, लेकिन विभिन्न प्रदेशों के लोग, प्रादेशिक नेता और कार्यकर्ता बाहरी नेताओं को फूलमालाएं पहनाने और जय-जयकार करने के बाद भी मन से दुःखी और दर्द झेलते रहे। इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर नरेंद्र मोदी द्वारा असम की अनदेखी तथा योजनाओं का क्रियान्वयन न करने के आरोप राजनीतिक होने के बावजूद सही हैं।
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