नोटबंदी के बाद नकदी की तंगी को देखते हुये सरकार डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने को लिये डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2,000 रुपये तक के लेनदेन को सेवाकर से मुक्त कर सकती है।
बल्ले और गेंद के बीच संतुलन की कवायद के तहत खेल के नियम तय करने वाले मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने बल्ले के किनारे और गहराई का आकार सीमित करने की सिफारिश की है।
आंध्रप्रदेश सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को नकदीरहित लेनदेन करने में सक्षम बनाने के लिए सभी को मुफ्त में मोबाइल फोन देगी। वर्तमान नकदी संकट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने डेबिट कार्डों के उपयोग पर लिए जाने वाले लेन-देन शुल्क से 31 दिसंबर तक छूट की घोषणा की है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने यहां पत्रकारों से कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक और कुछ निजी बैंक डेबिट कार्ड के माध्यम से किए जाने वाले सभी तरह के भुगतान पर लेन-देन शुल्क माफ करने पर राजी हो गए हैं।
बिहार की महागठबंधन सरकार के एक साल पूरा होने के एक दिन पूर्व भाजपा नीत राजग ने नीतीश सरकार की विफलताओं को लेकर एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया और आरोप लगाया कि यह सरकार हर मोर्चे, विशेष रूप से कानून-व्यवस्था के मामले में विफल रही है।
शेयर बाजार बीएसई और एनएसई ने भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और यस बैंक से डेबिट कार्ड डाटा चोरी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है।
लैंगिक समानता के मामले में पिछले साल की तुलना में 21 स्थानों की बढ़त हासिल करने के बावजूद भारत को वैश्विक स्तर पर बेहद पिछड़ा यानी 87वां स्थान मिला है। भारत को मिली बढ़त मुख्यत: शिक्षा में हुई प्रगति के कारण है। इस सूची में आइसलैंड शीर्ष पर है।
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अपनी तरह की सबसे बड़ी डेटा सुरक्षा में सेंधमारी की घटना से सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के अनेक बैंकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है। डेटा में यह सेंध कुछ एटीएम प्रणालियों में साइबर मालवेयर हमले के रूप में हुई है। हालांकि, सरकार ने लोगों से कहा है कि वे घबरायें नहीं।
भले ही बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्रियां दीपिका पादुकोण, जैक्लीन फर्नांडीस, सोनाक्षी सिन्हा और रानी मुखर्जी मुम्बई की बहुमंजिला इमारतों में रहती हों लेकिन उनमें से कई के गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी के राशन कार्ड उत्तर प्रदेश के फर्रखाबाद जिले के कायमगंज क्षेत्र में बने हैं, और उन पर बाकायदा राशन भी बांटा जा रहा है।