संयोग देखिए जिस दिन संजय दत्त भूमि से अपनी नई फिल्मी पारी शुरू कर रहे हैं, उसी दिन जस्टिस कोडे भी पहली बार फिल्मी पर्दे पर नजर आएंगे। जस्टिस कोडे वही हैं जिन्होंने असल जिंदगी में संजय दत्त को सजा सुनाई थी। जस्टिस पीडी कोडे आने वाली फिल्म जेडी में जज की भूमिका निभा रहे हैं।
डैथ ओवरों में टीम की गेंदबाजी से निराश कोलकाता नाइट राइट राइडर्स के मनीष पांडे ने मुंबई इंडियंस से मिली हार के बाद कहा कि उन्हें खेल के इस पहलू पर मेहनत करने की जरूरत है।
वाणी की निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पुरस्कार देश के उन अनुवादकों को दिया जाता है जिन्होंने निरंतर और कम से कम दो भारतीय भाषाओं के बीच साहित्यिक और भाषाई सम्बन्ध विकसित करने में गुणात्मक योगदान दिया है| इसी आधार पर अनामिका को नमिता गोखले, संस्थापक और सह-निदेशक, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल; नीता गुप्ता, निदेशक, जयपुर बुक मार्क और संदीप भुटोरिया, सांस्कृतिक आलोचक के निर्णायक मंडल ने चुना है।
‘इस फिल्म का किरदार ही हीरो है’ यह बात आज नई दिल्ली में निर्देशक मनोज शर्मा की नई फिल्म प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक के नायक हेमंत पांडे ने कही, जिनके इलेक्ट्रीशियन दोस्त का जीवन ही फिल्म का आधारस्तंभ है।
देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट अमान्य करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में कल सुनवाई होगी। इन याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से नागरिकों के जीवन और व्यापार करने के साथ ही कई अन्य अधिकारों में बाधा पैदा हुई है।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में जारी रस्साकशी का दौर अभी भी जारी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी मंत्री पवन पांडे को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसी बीच अखिलेश ने अचानक राजभवन पहुंच राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की जिसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं।
'एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' फिल्म को सीधे-सीधे बायोपिक नहीं कहा जा सकता। इसमें सिर्फ महेंद्र सिंह के जीवन की कुछ घटनाएं हैं। नीरज पांडे ने हालांकि पूरी कोशिश की है कि यह एक अच्छी बायोपिक फिल्म लगे। पर कहीं-कहीं लगता है कि धोनी के जीवन की कुछ परतें खुलनी फिर भी बाकी रह गई हैं।
जब लेखक और इलस्ट्रेटर मनोज पांडे ने सलमान रश्दी, मार्गरेट एटवुड और तेजू कोले जैसे अपने पसंदीदा लेखकों को उनकी प्रतिक्रिया पाने की आशा में अपने ट्वीट में टैग करना शुरू किया तब वे नहीं जानते थे कि उनकी प्रतिक्रिया भी अपने आप में लघु कहानियां ही होंगी।
रुस्तम देखते हुए कई बातें दिमाग में एक साथ चलती हैं। सन 1959 में नानावटी केस पर बनी इस फिल्म को देखते हुए लगता है कि संपादन नीरज पांडे की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत है। शायद यही वजह है कि रुस्तम की धीमी कहानी भी पकड़ छूटने नहीं देती।