बहुत पहले अमेरिकी पत्रिका ने भारत के विकास की खिल्ली उड़ाते हुए बैलगाड़ी में अंतरिक्ष विमान ले जाने वाला एक फोटो छापा था। इसी तरह यूरोप में मुझसे लोग पूछते थे, ‘भारत के लोगों ने कभी रेलगाड़ी या हवाई जहाज देखा है? क्या अधिकांश आबादी छाल-पत्ते लपेटकर रहती है?’ अब ऐसे मजाक का कोई नहीं कर सकता है। अब संपन्न देशों के लोग भारत की प्रगति से चकित हैं और उनका धंधा और सिलीकॉन वैली भारतीयों पर निर्भर रहने लगी है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में संसदीय मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक चार फरवरी को होगी जिसमें संसद के बजट सत्र की तिथियों को अंतिम रूप दिया जायेगा। इस सत्र के दौरान सरकार जीएसटी विधेयक को पारित कराने को उत्सुक है।
कल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी के दिन उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे पर आधारित पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम का नवगठित गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने विरोध किया है।
उत्तरप्रदेश की समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकल है। प्रदेश विधान-सभा का चुनाव 2017 में हैं। युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रदेश को आधुनिक बनाने की योजनाएं बनाकर केंद्र को भेजते रहे हैं। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक सांसद कंधों का योगदान है।
सीताराम, राधेश्याम, लक्ष्मीपति विष्णु, शिव-पार्वती की जयकार के साथ धर्म ध्वजा फहराने वाले धर्मगुरु, नेता, समाजसेवी की आवाज अहमदाबाद-पुणे में क्यों नहीं सुनाई दी? ब्रह्मांड न सही, विश्व हिंदू परिषद के गरजने वाले नेता तिलक और कमंडल के साथ मातृशक्ति के लिए मैदान में ‘संकीर्ण’ और सत्ता व्यवस्था के समक्ष खड़े क्यों नहीं दिखाई दिए?
भारत में सूरज की पहली किरण अरुणाचल प्रदेश में दिखती है। अरुणाचल और सात पूर्वोत्तर राज्यों की सुंदरता, भोली-भाली जनता की मधुरता, शौर्य और संस्कृति की शक्ति भारत का गौरव बढ़ाती है। सुदूर अरुणाचल प्रदेश में हिंदी का पठन-पाठन और प्रयोग सबको प्रभावित करता है। अपराध संभवतः दुनिया में सबसे कम और जेल केवल प्रादेशिक व्यवस्था की दृष्टि से बने और कभी नहीं भरे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 67वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में आगाह किया कि निर्णय और कार्यान्वयन में विलंब से विकास की प्रक्रिया का ही नुकसान होगा। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने हाल ही में पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि असहमति दूर करने का एक सभ्य तरीका संवाद है जो सही तरह से कायम रहना चाहिए लेकिन हम गोलियों की बौछार के बीच शांति पर चर्चा नहीं कर सकते।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण मुक्ति का एक आपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। आलीशान कार वालों से लेकर ऑटो-मेट्रो में चलने वालों ने भी केजरीवाल सरकार के आदेश के समक्ष समर्पण किया। अदालतों ने हस्तक्षेप से इंकार करने के अलावा न्यायाधीशों को भी नई राह पर चलना सिखा दिया। शीर्षस्थ डॉक्टर और पर्यावरणवादियों ने भरपूर आशीर्वाद दिया।