विमलेश त्रिपाठी के उपन्यास 'कैनवास पर प्रेम ' के नाम ने आकर्षित किया था। नाम से कहानी का जो कुछ अंदाजा होता है वह ठीक-ठीक होते हुए भी उससे बहुत अलग भी है।
लोगों में आज सफल होने की होड़ तेजी से बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए जानी मानी लेखिका अलका सरावगी ने कहा कि आज बाजार सबके लिए मूल्यबोध के पैमाने बनने के साथ साधन एवं साध्य बन गया है और ऐसे में लेखकों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।
प्रेम रतन धन पायो, बजरंगी भाईजान, शुद्धि, दबंग 3, पार्टनर 2, सुल्तान, नो एंट्री में एंट्री, शेरखान, इन सभी नामों में एक चीज आम है और वह हैं सलमान खान। इन सभी फिल्मों के निर्माताओं ने सलमान खान के नाम पर पैसा लगाया या लगाने वाले हैं और अब अगर सलमान खान जेल चले गए तो जाहिर है कि ये फिल्मे लटक जाएंगी।
युवाओं की पसंदीदा फिल्म कल हो न हो की लोकप्रियता इतने सालों बाद भी कायम है। इस फिल्म के प्रसिद्ध शीर्षक गाने पर जर्मनी के राजदूत माइकेल स्टाइनर, उनकी पत्नी एलीस स्टाइनर और भूतपूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अभिनय किया है।
किताबों की हमारे जीवन में उपस्थिति और उसके महत्व को रेखांकित करते हुए साहित्य अकादेमी ने ‘साहित्य मंच’ के अंतर्गत विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर एक विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े महत्त्वपूर्ण लोगों ने किताबों से अपने रिश्तों को श्रोताओं से साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसार भारती के सीईओ श्री जवाहर सरकार ने की।
आउटलुक पत्रिका के संस्थापक संपादक रहे विनोद मेहता की किताब ‘एडिटर अनप्लग्ड’ का यहां एक सादे समारोह में लोकार्पण किया गया। इस दौरान प्रसिद्ध उपन्यासकार विक्रम सेठ ने पुस्तक के कुछ अंश पढ़कर सुनाए।