उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण में पूर्वांचल के सात जिलों की 49 सीटों के लिए आज शांतिपूर्ण ढंग से 57. 03 फीसद वोट पड़े। इसके साथ ही 635 उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में बंद हो गया।
भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वांचल में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए शीर्ष नेताओं को चुनाव प्रचार में उतार दिया है। पांचवे चरण के मतदान के बाद बाकी दो चरणों के मतदान पूर्वांचल की सीटों पर होना है। ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने यहां जमकर प्रचार करना शुरू कर दिया है।
पूूर्वांचल में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके विधायक भाई सिग्बतुल्लाह अंसारी के बसपा में जाने से सियासी समीकरण बदल गया है। समाजवादी पार्टी ने पूर्वांचल में जीत की बड़ी उम्मीद की थी लेकिन अब भाजपा के लिए फायदा दिखने लगा है।
हाल ही में अपने कौमी एकता दल का सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय करने वाले अफजाल अंसारी का कहना है कि भाजपा का मंसूबा सपा के गढ़ में सेंध लगाने का है, लेकिन आगामी 23 नवंबर को गाजीपुर में होने जा रही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की रैली के बाद भाजपा को जमीनी हकीकत का अंदाजा हो जाएगा।
छोटे राज्यों के गठन को लेकर सियासी पार्टियों का अपना अलग-अलग नजरिया हो सकता है लेकिन देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के गठन को लेकर मांग तेज हो गई है। साल 2012 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अलग पूर्वांचल राज्य के गठन की मांग तेज होने लगी थी और पूर्वांचल के विकास को सियासी मुद्दा बनाया गया था।
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय कैबिनेट में पूर्वांचल को प्राथमिकता मिली है। इस बार के विस्तार में पूर्वांचल के दो जिलों का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। चंदौली से सांसद महेंद्र नाथ पांडेय को जहां राज्यमंत्री बनाया गया है वहीं अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल भी केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हुई है।