विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) को भरोसा है कि अगर सबकुछ सही रहा तो इबोला का 100 प्रतिशत प्रभावी टीका त्वरित अनुमोदन प्रक्रिया के तहत वर्ष 2018 में उपलब्ध हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबले पर पीछे नहीं हटने पर जोर देते हुए दुनिया के नेताओं से अपील की है कि वे पेरिस में हुए ऐतिहासिक समझौते का समर्थन और पालन करें।
पाकिस्तान ने कहा है कि वह सिंधु नदी जल समते (आईडब्ल्यूटी) में किसी भी प्रकार के बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा। गौरतलब है कि भारत 56 साल पुराने समझौते के क्रियान्यवन के साथ ही द्विपक्षीय मतभेद निवारण पर जोर दे रहा है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत आपसी लाभ के लिए इस्राइल के साथ साझेदारी बढ़ाने को उत्सुक है और दोनों देशों को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को गृह और साइबर सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों के विकास की जरूरत है जिनमें इस्राइल ने अपनी क्षमताएं साबित की हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज इंटरनेशनल सोलर अलायंस (इसा) की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही इसके प्रारूप समझौते पर ब्राजील और फ्रांस सहित दुनिया के 20 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर कर दिया है।
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेताया है कि वह ईरानी परमाणु समझौता और पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते जैसे अंतरराष्ट्रीय निर्णयों को रद्द नहीं करें। ओबामा ने कहा कि इन ऐतिहासिक समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए बहुत प्रयास किए गए हैं।
पंजाब को उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को करारा झटका दिया है। सर्वोच्च अदालत ने पंजाब के पड़ोसी राज्यों के साथ सतलुज यमुना संपर्क नहर समझौता निरस्त करने के लिये 2004 में बनाया गया कानून असंवैधानिक करार दे दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय जापान यात्रा के लिए टोक्यो पहुंच गए हैं। इस यात्रा के दौरान मोदी कल अपने जापानी समकक्ष के साथ व्यापक विषयों पर चर्चा करेंगे जिसके बाद दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस दौरान दोनों राष्ट्रों के बीच महत्वपूर्ण असैन्य परमाणु करार होने की भी संभावना है।
देश के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि न्यायिक नैतिकता के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असामान्य घटनाओं से पूरी न्याय प्रणाली की छवि खराब हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें उनकी सत्यनिष्ठा के बारे में लोगों की धारणा के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए।