राजनेता हों या अधिकारी, कारपोरेट किंग पूंजीपति या मजदूर – अदालत और अस्पताल पहंुचते ही कांपने लगते हैं। अपराध छोटा हो या बड़ा – कानून का शिकंजा खतरनाक साबित हो सकता है। इसी तरह हाथ या पैर की ऊंगली का नाखून ही निकला हो अथवा हृदय रोग – सर्जन के चमकते चाकू से निकलने वाला नतीजा जिंदगी दे या ले सकता है।
पाकिस्तान में दशकों के विलंब और निष्क्रियता के बाद हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के पास अब जल्दी ही एक विवाह कानून होगा। देश के संसदीय पैनल ने हिंदू विवाह विधेयक को मंजूरी दे दी है।
‘ जब देश के गृहमंत्री दुनिया के सामने कहते हैं कि आईएस भारत में कभी अपनी जड़े नहीं जमा सकता क्योंकि भारतीय मुसलमान उसे पनपने ही नहीं देंगे तब लगातार मुसलमान नौजवानों को आईएस और अलकायदा से ताल्लुक रखने के आरोप में गिरफ्तार क्यों किया जा रहा है? क्या यह मुसलमानों को डराने की साजिश नहीं, इससे मुल्क का माहौल नहीं बिगड़ेगा?’ दिल्ली में देश के तमाम बड़े मुस्लिम सगंठनों ने एक प्रैस वार्ता में यह सवाल पूछा।
पिछले तीन दिनों से पंजाब के पठानकोट में रुक रुक कर हो रहे आतंकी हमलों की जिम्मेदारी जेहाद काउंसिल नामक संगठन ने ली है। यह पाकिस्तान स्थित करीब एक दर्जन आतंकी संगठनों का गठबंधन है, जिसका पूरा नाम यूनाईटेड जेहाद काउंसिल (यूजेसी) है।
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (आई एम) के साथ शांति समझौता अशांत उत्तर पूर्व के, खासकर मणिपुर के टंखुल नगा बहुल इलाके में जहां उपरोक्त गुट का आधार है, एक हिस्से में शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन इसके बाद अभी बहुत-सी जटिलताएं और चुनौतियां बाकी हैं। एनएससीएन (आईएम) का जनाधार नगालैंड के पड़ाेसी राज्यों में ज्यादा होने की वजह से असम और मणिपुर के एक तबके में यह आशंका बलवती हो रही है कि उनके राज्य के नगा बहुल इलाकों की बाबत किस कीमत पर फैसला हुआ है।
हरियाणा के कुरूक्षेत्र और सोनीपत जिलों में 65 फीसदी से अधिक महिलाएं बेटियों की बजाय बेटे की ख्वाहिश रखती हैं क्योंकि उनका मानना है कि बेटा ही परिवार को आगे बढ़ा सकता है। इतना ही नहीं करीब 50 फीसदी प्रतिशत महिलाओं का यह विचार है कि बेटा होने से समाज में किसी महिला को रूतबा और इज्जत मिलती है। भारत में लिंग आधारित लैंगिक चयन के मुद्दे पर प्रकाश डालने के मकसद से पॉपुलेशन काउंसिल ने यह आंकड़ा जारी किया है। काउंसिल ने पिछले साल सितंबर से नवंबर में इन दोनों जिलों में ।,000 विवाहित महिलाओं का सर्वेक्षण किया था।
भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।