एक लड़का था बरेली का, कम उम्र में मां को खो दिया। मां का जाना,पिता से बर्दाश्त न हुआ तो पिता ने अपना मनसिक सन्तुलन खो दिया। फिर कुछ ही दिनों में ननिहाल, बिजनौर (उत्तर प्रदेश) चला आया।
राष्ट्रपति चुनाव में सत्तादल द्वारा रामनाथ कोविंद के उम्मीदवार बनाये जाने से जहां एक ओर एकजुट होते विपक्ष में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, वहीं वाम मोर्चा की ओर से प्रकाश अंबेकर का नाम आगे आया है। मोर्चा ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते और पूर्व सांसद प्रकाश के नाम पर अन्य विपक्षी दलों की सहमति लेने की कवायद शुरू कर दी है।
जेएनयू में एमफिल और पीएचडी की सीटें घटाने के विवाद पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अपनी दलीलें हैं लेकिन वह कहते हैं कि उनके लिए देश में उच्च शिक्षा और शोध को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है।
लंबे समय से विवादों में फंसी फिल्म अंततः 28 जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो ही जाएगी। लिपस्टिक अंडर माय बुर्का को सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा था। निर्माता प्रकाश झा और निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने फिल्म की रीलिज के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
टीचर भर्ती घोटाले मामले में जेल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सिंह चौटाला आज एक बार फिर चर्चा में बने हुए हैं। यह काम कोई और नहीं बल्कि उनकी पढ़ाई को लेकर है। चौटाला ने जेल में रहते हुए 12वीं की परीक्षा पास कर ली है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 12वीं कक्षा की एक पाठ्यपुस्तक में महिला के शरीर की बनावट के बारे में दिए गए विवरण को लिंगभेदी बताया और इस मामले में कार्रवाई का आदेश दिया।
सरकार ने आज स्वीकार किया कि कालेज से उत्तीर्ण होने के बाद मात्र 40 प्रतिशत इंजीनियरिंग स्नातकों को ही रोजगार मिल पाता है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा लिपस्टिक अंडर माय बुर्का को सर्टिफिकेट न दिए जाने के बाद इस फिल्म और इसके निर्माता प्रकाश झा के विरोध में फतवा जारी कर दिया है। भोपाल में मुस्लिम त्योहार कमेटी की मजलिस ए शूरा ने फतवा जारी किया है। फतवे में फिल्म निर्माता प्रकाश झा को भोपाल न आने की चेतावनी भी दी गई है।
फिल्मकार श्याम बेनेगल, सुधीर मिश्रा, नीरज घैवान सहित अन्य ने प्रकाश झा की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को प्रमाणपत्र देने से इनकार करने के सेंसर बोर्ड के फैसले की आलोचना की।
वर्दी वाला गुंडा उपन्यास को लेकर चर्चित हुए उपन्यासकार वेद प्रकाश शर्मा का मेरठ में 62 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने इंटरनेशनल खिलाड़ी, सबसे बड़ा खिलाड़ी समेत कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी थी।