प्रचार मास्टर प्रशांत किशोर बिहार सरकार के सलाहकार नियुक्त हो गए। कोई चुनाव लड़े बिना कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया। लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सफलता का ताज अपने सिर पर पहन कर प्रशांत किशोर ने पाटलीपुत्र में भी अशोक चक्र का तमगा प्राप्त कर लिया।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सूचना का अधिकार कानून के प्रचार-प्रसार पर सिर्फ 1.67 करोड़ रूपये खर्च किए जो पिछले वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत कम है। यह वर्ष 2008-09 के बाद आरटीआई के प्रचार पर खर्च हुई सबसे कम राशि है।
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल के ऊपर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसा लगता है कि वह झूठ और बदनामी में भरोसा करते हैं। जेटली ने केजरीवाल पर प्रहार करते हुए कहा कि वह उन्माद की हदें छूने वाली भाषा बोलते हैं।
शुरुआती दौर में बिहार के शहरों में भाजपा प्रचार में आगे दिख रही है। अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए ऊंची जातियों को सक्रिय करने में सफल रही है, लेकिन आपसी फूट भी जबर्दस्त है। बिहारी मतदाता अपने पत्ते अभी खोलने को तैयार नहीं
फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन से डीडी किसान चैनल का प्रचार कराने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। इस बारे में अपनी सफाई देते हुए अमिताभ बच्चन ने जो तथ्य सामने रखें हैं, उनसे कई सवाल खड़े हो गए हैं। अगर अमिताभ बच्चन वाकई डीडी किसान का निशुल्क प्रचार करने वाले थे तो दूरदर्शन 8.5 करोड़ रुपये लुटाने पर क्यों आमादा रहा? कहीं अमिताभ की आड़ में दूरदर्शन और एड एजेंसी के बीच तो बड़ा खेल नहीं हो गया?
करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा हो गए। सरकार ने ब्रांडिग कर यह दिखाना चाहा कि भारत इसके लिए कितना गंभीर है। लेकिन इस दिवस के अवसर को कुछ लोगों ने मजाक के रुप में लिया तो कुछ ने इसे सियासत के तौर पर देखा। सोशल मीडिया पर भी योग दिवस को लोगों ने अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया।
विश्व योग दिवस के अवसर इतिहास रचने की मंशा लिए भारत सरकार ने सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च किया है। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस दिवस को सफल बनाने का जो बजट तैयार किया है वह प्रचार-प्रसार के लिए अन्य योजनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है।