चुनाव प्रचार में नेताओं के भाषण को लेकर चुनाव आयोग ने नाराजगी जाहिर की है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को नोटिस जारी करते हुए भाषणों पर संयम बरतने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के हाईवोल्टेज चुनाव के आगे बढ़ने के साथ-साथ राजनीतिक दलों के बीच परस्पर विरोधी बयानों की भाषा भी कई मौकों पर संस्कार से अछूती नजर आई। राज्य में चुनाव प्रचार की शुरुआत तो शालीनता भरी रही और राजनीतिक दलों ने विकास, भ्रष्टाचार, नोटबंदी और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन जल्द ही प्रचार के शोर में बदजुबानी भी घुलती गई और बात व्यक्तिगत हमलों तक पहुंच गई।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह उत्तर प्रदेश में हुए दो चरणों के मतदान के बाद लगातार प्रदेश के अन्य इलाकों में प्रचार कार्यक्रम में जुट गए हैं। शाह जब भी लखनऊ में रूकते हैं सुबह पार्टी कार्यालय जरूर पहुंचते हैं और वहां से प्रदेश के अन्य इलाकों में जहां मतदान होना है वहां की स्थिति का जायजा लेते हैं। उसके बाद अपनी आगे की यात्रा के लिए निकल लेंते हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मन की बात नहीं करते बल्कि काम की बात करते है और वह उत्तर प्रदेश के बेटे है और प्रदेश का विकास करना चाहते है। वे काम करना चाहते है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अभी तक चुनाव प्रचार के लिये अमेठी नहीं जा रही है, क्योंकि वह जनता के सवालों से बचना चाहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैनिक बाहुल्य वाले इलाके में जनता के भावनात्मक तार को जोड़ते हुए कांग्रेस पर वन रैंक, वन पेंशन के मुद्दे को 40 साल तक लटकाकर और सर्जिकल स्टाइक पर शक कर फौजियों का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य निर्माण की घोर विरोधी यह पार्टी एक बार फिर आंदोलनकारियों का दमन करने वाली समाजवादी पार्टी की गोद में जा बैठी है।
यूपी चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव का ताजा बयान बेटे अखिलेश यादव के साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी बड़ा मददगार हो सकता है। पहले सपा-कांग्रेस के गठबंधन पर नाराजगी जाहिर कर चुके नेताजी अब नरम पड़ते हुए गठबंधन के लिए प्रचार पर हामी कर दी है।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा सपा-कांग्रेस गठबंधन का खुला विरोध किये जाने से पैदा सूरतेहाल के बीच लोकदल इसमें अपने लिये सम्भावनाएं देख रहा है और उसे उम्मीद है कि मुलायम राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में उसके प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे।