चाइना प्रोडक्ट डाउन-डाउन के कितने भी नारे लगा लो, लेकिन यह सच है कि हिंदी फिल्मों के लिए चीन नया बाजार बन कर उभरा है। दंगल की सफलता ने इसे साबित भी कर दिया है।
धूम्रपान छोड़ने के बाद भी प्रणव मुखर्जी का पाइप के प्रति लगाव कम नहीं हुआ था। उन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी, सिर्फ पाइप ही पी। अब उनके द्वारा संग्रहित पांच सौ से ज्यादा पाइप राष्ट्रपति भवन में एक याद के तौर पर रह जाएंगे।
11 फिल्मफेयर अवार्ड और छः नेशनल फ़िल्म अवार्ड, सिनेमा ऐसा कि उसकी नकल इटैलियन सिनेमा और हॉलीवुड तक ने की। जमींदारों के परिवार मे जन्म लिया पर फिल्में बनाईं गरीबी और औरतों के शोषण पर, कलकत्ता से मुम्बई तक की यात्रा और 50 के दशक में कांस फिल्म फेस्टिवल में सम्मान।